मातृ पितृ पूजन दिवस क्या है
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Transcript मातृ पितृ पूजन दिवस क्या है
मातृ पितृ िूजन पिवस क्या है ?
Contents
मातृ पितृ िूजन पिवस के प्रेरणा स्रोत कौन
हैं ?
पकन कारणोों से मातृ पितृ िूजन पिवस शुरू
कराया गया ?
क्या मातृ पितृ िूजन पिवस केवल भारत/पहन्िू
केन्द्रित है ?
मातृ पितृ िूजन पिवस के समर्थन में कौन
कौन आगे आए ?
मातृ पितृ िूजन पिवस के क्या क्या लाभ हैं
?
मातृ पितृ िूजन पिवस युवाओों के चाररपिक
ितन एवों सम्बोंपित कुकमों िर लोग लगा
िाएगा ?
मातृ पितृ िूजन पिवस के प्रचार प्रसार में
मीपिया का पकतना योगिान रहा ?
मातृ-पितृ
िूजन पिवस
क्या है ?
• अपने माता पपताजी
का पिपिित पूजन
करना
• उन्हें पुष्प आपि अपपित
करना
• उनकी आरती उतरना
एिं
• उनको िं डित प्रणाम
करके उनका
आशीिाि ि लेना
मातृ-पितृ िूजन
पिवस के
प्रेरणा स्रोत
कौन
हैं
?
पवश्ववोंिनीय िू ज्य
सोंत श्री
आशारामजी बािू
पकन कारणोों से
मातृ पितृ िूजन
पिवस शुरू
कराया गया ?
भगवान राम , भगवान
कृष्ण , महािे व पशव ,
यीशु , अल्लाह , गुरुओों
आपि के िूजन का पिन
पनपित है |
यहााँ तक की पशक्षक
पिवस और बाल पिवस
भी है िरन्तु अिने माता
पिता के पलए कुछ नही ों
!
पकन कारणोों से
मातृ पितृ िूजन
पिवस शुरू
कराया गया ?
शास्त्र कहते हैं मातृ िे वी
भवः पितृ िे वो भवः
िूज्य बािूजी ने १४
फरवरी को मातृ पितृ
िूजन पिवस मानाने की
प्रेरणा िी है ,
कामोत्तेजक वैलेंटाइन्स
िे की अिेक्षा
पकन कारणोों से
मातृ पितृ िूजन
पिवस शुरू
14 फरिरी को पपिमी िे शों में
कराया
गया ? को
युिक युिपतयााँ एक िू सरे
ग्रीप ं ग काडि स, फूल आपि िे कर
िेलेन्टाइन डे मनाते हैं ।
यौन जीिन संबंिी परम्परागत
नैपतक मूल्ों का त्याग करने िाले
िे शों की चाररपिक सम्पिा नष्ट होन
का मुख्य कारण ऐसे िेलेन्टाइन डे
जो लोगों को अनैपतक जीिन जीने
को प्रोत्सापहत करते हैं ।
अब यह कुप्रथा हमारे भारत में भी
पैर जमा रही है । हमें अपने
परम्परागत नैपतक मूल्ों की रक्षा
करने के पलए ऐसे िेलेन्टाइन डे क
बपहष्कार करना चापहए।
क्या मातृ पितृ
िूजन पिवस
केवल
भारत/पहन्िुओ ों
के पलए है ?
नहीं , क्ोंपक सभी िमों एिं राष्ट्ों
के माता पपता चाहते हैं की उनकी
संतान जीिन में उन्नपत करे और
सभी माता पपता अपने बच्ों से
प्यार करते हैं |
इसपलए आइए हम सब पमलकर
पिश्व भर में मनायें 14 फ़रिरी को
मातृ पपतृ पूजन पििस के रूप में
मातृ पितृ
िूजन पिवस
के समर्थन में
कौन कौन
आगे
यह पिश्व भरआए
में मनाया ?
जा
रहा है तथा सबने इसे
सराहा है |
पफल्म , खेल और मीपडया
जगत के नामी पगरामी
लोगों ने इसका खुले पिल
से समथि न पकया है
ऐसा कोई नहीं है जो
इसका समथि न न करता
हो !
मातृ पितृ िूजन
पिवस मानाने
के क्या क्या
लाभ हैं ?
-हमें अपने परम्परागत नैपतक
मूल्ों की रक्षा करने के पलए ऐसे
िेलेन्टाइन डे का बपहष्कार
करना चापहए। इस संिभि में
पिश्विंिनीय पूज्य संत श्री
आशारामजी बापू ने की है एक
नयी पहल – 'मातृ-पपतृ पूजन
पििस'।
-जब बच्े अपने माता पपता का
सम्मान करते हैं , तो माता पपता
प्रसन्न हो कर उनपर आशीिाि ि
बरसाते हैं पजस से उनके बच्ों
का आध्यात्मिक ि लौपकक
पिकास होता है
मातृ पितृ िूजन
पिवस युवाओों के
चाररपिक ितन
एवों सम्बोंपित
कुकमों िर लोग
काम-भाििाएगा
से ग्रस्त िैलें ाइन
लगा
? डे
की जगह मातृ पपतृ पूजन पििस
मनाना चाररपिक पतन ि पििाह
पूिि यौण सम्बन्ध पर अिश्य
रोकथाम लगाएगा|
सभी युिा मयाि िा ि सिाचार के
पथ पर आगे बढें गे और सुखि,
स्वस्थ ि सम्मापनत जीिन व्यतीत
करें गे |
मातृ पितृ िूजन
पिवस के प्रचार
प्रसार में
मीपिया का
पकतना
अंतराि ष्ट्ीय स्तर पर
योगिान
बीबीसी ने २०१४रहा
एिं ?
२०१५ में इसके प्रचार में
सहयोग पकया |
राष्ट्ीय स्टार पर पिपभन्न
इलेक्ट््ॉपनक एिं पप्रं
मीपडया हर साल इसे
किर करती है
आइए पिव्य प्रेम का अनुभव करें , १४
फरवरी को मनाएाँ
मातृ पितृ िूजन पिवस