Transcript 3 एल

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इंडो-ईयू सेमिनार
रोजगार एवं प्रमिक्षण िहाननदे िालय, श्रि और
रोजगार िंत्रालय की जीवनोपयोगी मिक्षा,
सक्रियता से उम्र िें बढ़ने और सािाजजक
साझेदारों की भूमिका पर प्रयास
प्रस्तुतकतता:
अिोक कुिार
उप िहाननदे िक
रोजगार एवं प्रमिक्षण िहाननदे िालय
जीवन भर सीखना (3 एल)
‘जीवन भर
की सीखने
की सभी गनतववधियां, ज्ञान,
कुिलता और दक्षता को बढ़ाने के लक्ष्य से, व्यजततगत,
नागरी, सािाजजक और/अथवा रोजगार संबंिी ववचारिारा से
होती हैं...’
– ई यू
डीजीई&टी द्वारा कौिल ववकास
• डीजीई&टी भारत िें व्यावसानयक प्रमिक्षण हे तु नोडल
संगठन है । यह ननम्नमलखखत के मलए जजम्िेदार है :
 नीनतयों को तैयार करने
 िानकों को स्थावपत करने
 कोसस पाठ्यिि ननिासररत करना
 संस्थाओं/कोसेस को िान्यता प्रदान करना
 ट्रे ड परीक्षण और प्रिाणन
कौशल विकास प्रणाली
दक्ष बने रहने के
मलए कौिल उन्नयन
अकुिल
सीटीएस
आईटीआई
कुिल कायसबल
के रूप िें
ननयत
ु त
3 एल
अिस
कुिल
एटीएस
सेवारत प्रमिक्षण
कुिल
दो प्रिख
ु सेवा पव
ू स व्यावसानयक प्रमिक्षण कायसिि
• कारीगर प्रमिक्षण योजना
• राज्य/संघ िामसत सरकारों और ननजी क्षेत्रों द्वारा 5114
आईटीआई िें संस्थागत व्यावसानयक प्रमिक्षण आयोजजत
क्रकया गया जजसिें 0.77 मिमलयन प्रमिक्षुओं को िामिल
क्रकया गया।
• प्रमिक्षुता प्रमिक्षण योजना
• प्रमिक्षु अधिननयि 1961 के तहत िॉप फ्लोर प्रमिक्षण
0.25 मिमलयन प्रमिक्षुओं को प्रदान क्रकया गया जजसिें
लगभग 20,700 सावसजननक और ननजी क्षेत्र उद्योगों को
िामिल क्रकया गया।
3 एल हे तु डीजीईटी योजनाएँ
• एवीटीएस, हाई-टे क और पयसवेक्षकीय प्रमिक्षण के अंतगसत
औध्योधगक किसचाररयों के ज्ञान और कौिल को अध्यतन तथा
उन्नत करना, यह प्रमिक्षण 21 संस्थाओं और आईटीआई को
प्रदान क्रकया गया है ।
• प्रमिक्षण केन्रों के प्राचायों तथा उद्योगों के कायसकाररयों हे तु
प्रबंिन ववकास कायसिि।
• 19 संस्थानों के अनद
ु े िकों का प्रमिक्षण।
• 11 ववमिष्ट संस्थानों/स्कंिो िें िहहलाओं हे तु कौिल आिाररत
प्रमिक्षण।
3 एल को भारत िें सदृ
ु ढ़ करने की आवश्यकता
• सेवा पव
ू स प्रमिक्षण पर अधिक ध्यान
• 3 एल हे तु बड़ा कायसबल पर सीमित अवसर उपलब्ि
• अधिकतर कायसबल (80% से अधिक) के पास धचजन्हत कोई
भी ववियिील कौिल उपलब्ि नहीं है
• कायसबल िें कुिल व्यजततयों का प्रनतित बहुत कि है (केवल
5% यव
ु ा जो 20-24 की आयु के हैं औपचाररक तौर पर
प्रमिक्षक्षत हैं)
• अनौपचाररक क्षेत्र िें 93% कायसबल उपजस्थत हैं लेक्रकन केवल
कुछ ही कायसिि उनके मलए तैयार क्रकए गए हैं।
3 एल पर आईएलओ की मसफ़ाररिें
• आजीवन सीखने का बोि स्पष्ट प्रनतबद्धता के आिार पर क्रकया
जाना चाहहए:
• सरकार द्वारा ननवेि तथा मिक्षा की दिा को सि
ु ारने और
सभी स्तरों पर प्रमिक्षण के िाध्यि से;
• उद्यिों द्वारा उनके किसचाररयों को प्रमिक्षण के िाध्यि से:
और
• व्यजततयों द्वारा अपने आप िें दक्षताओं जीववकोपाजसन के
ववकास के िाध्यि से।
3एल को सदृ
ु ढ़ करने के मलए प्रयास
• 500 आईटीआई को उत्कृष्टता केन्रों िें उन्नत
करना
• पीपीपी िोड िें िॉड्यूलर एम््लोयबल जस्कल
(एिईएस) के िाध्यि से कौिल ववकास
• ई-लननिंग
500 आईटीआई को उत्कृष्टता केन्रों िें उन्नत करना
• इस योजना का उद्देश्य ववद्यिान 500 आईटीआई को
उत्कृष्टता केन्रों िें उन्नत करना है , जजससे क्रक ववश्व
स्तर के िानकों के आिार पर कायसबल तैयार क्रकया
जा सके।
• इससे
किसचाररयों
को
आज
क्रक
आवश्यकता
के
अनस
ु ार उनकी दक्षता को ववकमसत करने िें सहायता
मिलेगी (उदा. सीएनसी ििीननंग, सीएडी/सीएएि,
पीएलसी, ऑटो इलेतट्रॉननतस)
500 आईटीआई को उत्कृष्टता केन्रों िें उन्नत करना...
िििः
इस योजना की वविेषताएँ हैं:
• प्रथन वषस के दौरान बहुकौिल कोसस लागू करना
• बाद िें आिनु नक/वविेषीकृत िॉड्यल
ू र कोसस
• क्षेत्र िें उद्योग तलस्टर पर उत्कृष्टता केन्रों का चयन।
• बहु प्रवेि और बहु ननगसि प्राविान
• संस्थान प्रबंिन समिनत (आईएिसी) के तौर पर सावसजननकननजी-साझेदारी
पीपीपी मोड में
मॉड्यूलर एम्प्लोयेबल स्स्कल (एमईएस)
के मतध्यम से कौशल विकतस
िॉड्यल
ू र एम््लोयेबल जस्कल (एिईएस) तया है ?
लाभप्रद रोजगार हे तु आवश्यक एिईएस
‘न्यन
ू ति कौिल सिह
ू ’
लक्ष्य सिूह एवं उनकी आवश्यकताओं को ननम्नानुसार
सारगमभसत क्रकया गया है
ि.
सं..
लक्ष्य सिूह
दक्षताओं का परीक्षण
प्रनिक्षण
कौिल प्रान
कौिल
अंतर
कौिल
उन्नयन
1 कािगार


2 कि निजक्षत/स्कूल छोड़े
एवं प्रिाणन







युवा/ बेरोजगार
3 आईटीआई स्नातक
एिईएस कायसप्रणाली
 रोजगारयोग्य कौिलों की पहचान की गयी है
 कोसस पाठ्यिि को संबजन्ित उद्योग एवं ट्रे ड वविेषज्ञों के
पराििस से तैयार क्रकया जाता है
 लोचक प्रमिक्षण प्रदान करना (आंमिक, स्ताहांत, पण
स ामलक,
ू क
स्थान पर या स्थान से बाहर) जजससे क्रक ववमभन्न लक्ष्य सिह
ू ों
को उनकी आवश्यकतानस
ु ार सवु विा प्रदान की जा सके
 कौिल का परीक्षण बाहरी पेिेवर ननकायों/उद्योग संघो के
िाध्यि से क्रकया जाता है
 राष्ट्रीय (एनसीवीटी) प्रिाणपत्र प्रदान क्रकया जाता है
 प्रमिक्षण उपरांत सहयोग
एिईएस कायसप्रणाली
…िििः
अनुश्रवण एवं प्रमिक्षण उपरांत सहयोग
 वेब आिाररत एिआईएस का प्रयोग क्रकया जाएगा। प्रिख
ु
वविेषताएँ हैं:
• ऑनलाइन पंजीकरण:
 अभ्यधथसयों
 प्रमिक्षण एवं परीक्षण केन्रों
 नए एिईएस कोसेस
एिईएस कायसप्रणाली
…िििः
प्रिुख वविेषताएँ...
• उपलब्ि रोजगार के अवसर तथा उपलब्ि कुिल
व्यजततयों का सिायोजन
• प्रिाखणत व्यजततयों को
जाएगा
स्िाटस
काडस जारी
क्रकया
• प्रमिक्षण उपरांत िल
ू यांकन 1% प्रिाखणत व्यजततयों
का प्रनत वषस क्रकया जायेगास
http://www.dget.gov.in
http://www.surfzone-india.com/demo/apex/pages/mes.htm
पर जाएँ और एिईएस का चयन करें
पारं पररक क्षेत्र पर ध्यान
• खादी कताई एवं बन
ु ाई
• कालीन बनाना
• ननिासण
• ब्रासवेयर एवं ग्लासवेयर
• सुगंि एवं स्वाद
• िाजत्स्यकी
• बेंत एवं बांस
• काष्ठकारी
• पत्थर चुनाई
• तले िोडेमलंग
श्रि बाज़ार की िांग को परू ा करने हे तु कौिल उन्नयन
प्रिुख साझेदार
• सीआईआई, क्रितकी, असोचि, एससीओपीई, नस्सोकोि
• बीसीआईसी
• इंडडयन पें टसस असोमिएिन
• कनासटक राज्य वप्रंटेसस असोमिएिन
• ररलायंस इंडस्ट्रीज़ मल.
• केवीआईसी
सक्रियता से उम्र िे बढ़ना
• सक्रियता से उम्र िें बढ़ना जीवन भर िारीररक,
सािाजजक और िानमसक स्वस्थता के मलए अवसरों
की प्रक्रिया को बढ़ावा दे ना है , जजससे जीवन की
प्रत्यािा को बढ़
ु ापे के सिय स्वस््य तथा गण
ु वत्ता
के साथ जजया जा सके। – डबलयू एच ओ
ई-लननिंग
• वेब आिाररत ए-लननिंग का ननयोजन क्रकया जा रहा है
जजसिें एक नोडल केंर तथा 6 क्षेत्रीय केंर, कोलकाता,
कानपरु , चेन्नई, है दराबाद, लुधियाना और िंुबई िे होंगे।
• एडु-सैट सैटेलाइट का प्रयोग इस उद्देश्य के मलए क्रकया
जाएगा।
ई-लननिंग
• आईटीआई अनद
ु े िकों/प्रमिक्षकों को उनकी क्षेत्रीय भाषा िें
आईटीआई के प्रमिक्षण की सुवविा दे ने हे तु ये केंर वेब
आिाररत प्रमिक्षण सुवविाएं ववकमसत करें ग,े और इसे
लागत प्रभावी बनाएँगे।
• स्थानीय आईटीआई के साथ ये केंर ववडडयो कॉन्रेंस
आयोजजत करने के सक्षि भी होंगे, और अपनी
सिस्याओं का सिािान करें गे।
सािाजजक साझेदारों से अपेक्षाएँ
ननयोतता एवं किसचारी संगठन
• रोजगार संभाववत क्षेत्रों का पूवासनुिान
• दक्षता के िापदण्डों का ववकास
• अनतधथ संकायों तथा िूलयांकनकतासओं का प्रबंि
• प्रमिक्षकों और िल
ू यांकनकतासओं का प्रमिक्षण
• प्रमिक्षण हे तु कािगारों को प्रोत्साहन एवं प्रनतननयुजतत
• प्रमिक्षण एवं परीक्षण सुवविाएं उपलब्ि कराना
• ननयोजन, कायासन्वयन, अनश्र
ु वण एवं िल
ू यांकन
• रोजगार िें सहायता
सािाजजक साझेदारों से अपेक्षाएँ
गैर-सरकारी-संगठन/प्रमिक्षण प्रदाता
• पराििस एवं व्यावसानयक िागसदिसन
• अच्छी गण
ु वत्तायत
ु त प्रमिक्षण प्रदान करना
• प्रमिक्षुओं की आवश्यकतानुसार लोचक तौर पर प्रमिक्षण प्रदान करना
• प्रमिक्षकों को प्रमिक्षण उपरांत सहायता
• प्रमिक्षक्षत व्यजततयों तथा प्रमिक्षण के पररणािों की जानकारी का
रखरखाव
यरू ोवपयन यनू नयन से अपेक्षाएँ
• अंतरराष्ट्रीय तौर पर अच्छे अभ्यासों का प्रदिसन
• ननयोजन, कायासन्वयन और अनश्र
ु वण के क्षेत्र िें कौिल ववकास
कायसिि के िाध्यि से क्षिता ननिासण, वविेषकर अनौपचाररक
अथसव्यवस्था के मलए
• दक्षता िानकों के ववकास , पाठ्यिि, लननिंग िटे ररयल, िल
ू यांकन
िानकों इत्याहद के क्षेत्र िें क्षिता ननिासण
• पाइलट कायसििों का कायासन्वयन
• कौिल क्षेत्र जजसिे भारत से कायसबल की आवश्यकता हो सकती है
िन्यवाद
हिारे बारे िें सोचने के मलए