व्यावसायिक प्रशिक्षण

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माांग आधारित व्यावसाययक प्रशिक्षण;
कौिलों का प्रमाणन एवां मान्यता
स्थियत ववश्लेषण – भाित
प्रस्तत
ु ीकरण: वाई. पी. शर्ाा
निदे शक (प्रशशक्षण)
रोजगार एवं प्रशशक्षण र्हानिदे शालय
[email protected]
श्रर् और रोजगार र्ंत्रालय
http://dget.gov.in
मख्
ु य केंद्र-बिन्द ु
स्थियत ववश्लेषण – भाित
श्रर् बाज़ार आधाररत व्यावसानयक प्रशशक्षण
कौशल उन्ियि एवं काया-क्षेत्र गनतशीलता
कौशल गनतशीलता के शलए कौशल और र्ान्यता
की बेंचर्ार्किंग
स्थियत ववष्लेषण – भाित
“व्यावसाययक शिक्षा (वीई)” औि “व्यावसाययक
प्रशिक्षण (वीटी)”
अंतरााष्ट्रीय तौर पर “व्यावसाययक शिक्षा” और “व्यावसाययक
प्रशिक्षण” शब्दों का प्रयोग एक-दस
ू रे के बदले र्ें अथवा इसके
शर्ले-जल
ु े शब्द “व्यावसानयक शशक्षा और प्रशशक्षण (वीईटी)” के
रूप र्ें र्कया जाता है ।
भारतीय पररप्रेक्ष्य र्ें शशक्षा और प्रशशक्षण को पारं पररक तौर
पर अलग-अलग कर ददया गया है ।
भारत र्ें व्यावसानयक शशक्षा (वीई) एवं व्यावसानयक
प्रशशक्षण (वीटी)
• ‘व्यावसानयक शशक्षा’ से ऐसे व्यावसानयक पाठ्यक्रर् के संदभा र्ें है जो
स्कूलों र्ें 11वीं और 12वीं कक्षा र्ें केंद्रीय तौर पर प्रायोजजत योजिा
‘र्ाध्यशर्क शशक्षा का व्यवसायीकरण’ के अधीि आती है । र्ािव
संसाधि ववकास र्ंत्रालय (एर्एचआरडी) पर इसकी परू ी जज़म्र्ेदारी है ।
• व्यावसानयक प्रशशक्षण पथ
ृ क प्रशशक्षण संस्थािों के र्ाध्यर् से प्रदाि
र्कया जाता है , जो इसी उद्देश्य के शलए स्थावपत र्कए गए हैं। श्रर् और
रोजगार र्ंत्रालय पर इसकी पूणा जज़म्र्ेदारी है ।
िाष्रीय व्यावसाययक प्रशिक्षण प्रणाली (एनटीवीएस)
प्रिांधन सांिचना: िाष्रीय एवां िाज्य थतिीय
व्यावसानयक प्रशशक्षण एक सर्वती ववषय है :
िीनतयों के निर्ााण, र्ािकों के निधाारण, पाठ्यक्रर् तैयार करिे,
संस्थाओं/पाठ्यक्रर्ों की संबद्धता, व्यावसानयक परीक्षण और प्रर्ाणि के शलए
डीजीई&टी िोडल ववभाग है ।
दो त्रत्रपक्षीय निकाय, िार्तः केन्द्रीय प्रशशक्षुता पररषद (सीएसी) और राष्ट्रीय
व्यावसानयक प्रशशक्षण पररषद (एिसीवीटी) व्यावसानयक प्रशशक्षण के ववशभन्ि
पहलुओं पर केंद्र सरकार को सुझाव दे ते हैं।
संबजन्धत राज्यों की राज्य पररषदों द्वारा राज्य स्तर पर व्यावसानयक
प्रशशक्षण के संबंध र्ें राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है ।
राज्य सरकारें राज्य स्तर पर व्यावसानयक प्रशशक्षण कायाक्रर्ों के कायाान्वयि
के शलए जजम्र्ेदार हैं।
िाष्रीय व्यावसाययक प्रशिक्षण प्रणाली (एनटीवीएस)
प्रिांधन सांिचना: िाष्रीय एवां िाज्य थतिीय
सरकारी ववभाग व्यावसानयक प्रशशक्षण निम्ि के र्ध्य से प्रदाि करते हैं:-
औध्योगगक प्रशशक्षण संस्थाि (आईटीआई) – संबजन्धत
राज्य के प्रशासनिक और ववत्तीय नियंत्रण के अधीि।
औध्योगगक प्रशशक्षण केंद्र (आईटीसी)- निजी तौर पर
ववत्त-पोवषत और प्रबंगधत (कुछ को राज्य सरकार से
सहायता भी दी जाती है )
िाष्रीय व्यावसाययक प्रशिक्षण प्रणाली (एनटीवीएस)
स्कूल छोड़िे वालों के शलए व्यावसानयक प्रशशक्षण :
शिल्पकाि प्रशिक्षण योजना (सीटीएस):
कक्षा 8वीं से 12वीं पास ववद्यागथायों के शलए 107 रे डों र्ें
व्यावसानयक प्रशशक्षण 5000 व्यावसानयक प्रशशक्षण केन्द्रों
(आईआरआई/आईटीसी) द्वारा प्रदाि र्कया जाता है , इसकी अवगध 6
र्ाह
से3
वषा
तक
होती है ।
आईटीआई स्िातक प्रशशक्षण पण
ू ा होिे और रे ड परीक्षण पास करिे
के उपरांत उन्हें राष्ट्रीय रे ड प्रर्ाणपत्र (एिसीटी) प्रदाि र्कया जाता
है और उन्हें अशा-कुशल उम्र्ीदवार के तौर पर र्ािा जाता है ।
प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एटीएस):
कक्षा 8वीं से 12वीं पास
धारकों को 153 रे डों र्ें
प्रशशक्षण प्रदाि र्कया जाता
होती है ।
प्रशशक्षुओं को रे ड परीक्षा
ववद्यागथायों और आईटीआई प्रर्ाणपत्र
20,700 स्थापिाओं द्वारा शॉप-फ्लोर
है , इसकी अवगध 6 र्ाह से 4 वषा की
पास करिे के बाद राष्ट्रीय प्रशशक्षुता
िाष्रीय व्यावसाययक प्रशिक्षण योजना
सेवारत प्रशशक्षण:
दीधाकाशलक, लघु अवगध और ववशेष उद्देश्य पाठ्यक्रर् भारत
सरकार द्वारा ववशेष तौर पर स्थावपत संस्थािों और चयनित
आईटीआई के र्ाध्यर् से प्रदाि र्कए जाते हैं।
र्दहलाओं का प्रशशक्षण:
सार्ान्य आईटीआई र्ें 25 % सीटें आरक्षक्षत।
एक राष्ट्रीय और 10 क्षेत्रीय र्दहला संस्थाि र्दहलाओं हे तु
बि
ु यादी, उत्ताि और अिद
ु े शक प्रशशक्षण प्रदाि करता है ।
र्दहला आईटीआई/ववंग्स - 837 र्ें 47,000 सीटें
थकूल छोड़ने वालों के शलए कौिल प्रगयत का
मागग
आईटीआई स्िातक ‘रे ड प्रशशक्षु’ के तौर पर प्रवेश ले सकते
हैं और कुशल उम्र्ीदवार के रूप र्ें योग्य बि सकते हैं।
आईटीआई स्िातकों के शलए काया-क्षेत्र गनतशीलता–द्ववतीय
वषा र्ें बाद र्े प्रवेश का प्रावधाि जो पॉलीटे कनिक्स र्ें
डडप्लोर्ा पाठ्यक्रर्ों र्ें प्रदाि र्कया जाता है ।
व्यावसानयक शशक्षा स्िातक ‘तकिीकी प्रशशक्षु’ के तौर पर
प्रशशक्षुता प्रशशक्षण योजिा के अधीि प्रवेश ले सकते हैं।
श्रशमकों के शलए कौिल प्रगयत का मागग
औध्योगगक श्रशर्क डीजीईटी स्थल संस्थािों और
ववशेष क्षेत्रों हे तु चयनित आईटीआई द्वारा प्रदाि
र्कए जािे वाले लघु अवगध प्रशशक्षण कायाक्रर्ों के
र्ाध्यर् से अपिे कौशल को उन्ित करते हैं।
ये प्रशशक्षक्षत कार्गार बहुत ही उच्च कुशल र्ािे
जाते हैं।
केंद्र तथा राज्यों के स्तर र्ें कई र्ंत्रालय भी
आवश्यकता अिुसार ववशेषीकृत प्रशशक्षण प्रदाि
करते हैं।
िाष्रीय कौिल मानक (एनएसएस) औि उनके महत्व
एिएसएस की स्थापिा प्रारजम्भक तौर पर र्कसी ववशेष
व्यावसानयक क्षेत्र के व्यवसाय के शलए श्रशर्कों हे तु अपेक्षक्षत
आवश्यक न्यूितर् कौशलों तथा ज्ञाि की आवश्यकता को
निधााररत करिे के शलए र्कया गया है ।
सभी प्रशशक्षण कायाक्रर्ों, प्रशशक्षण र्ािकों, प्रशशक्षण सार्ग्री को
एकीकृत करिे के शलए एक साधि के रूप र्ें इस्तेर्ाल र्कया
जाता है ।
एक राष्ट्रीय कौशल परीक्षण और प्रर्ाणीकरण प्रणाली स्थावपत
की जा सकती है ।
कुशल जिशजक्त की योग्यता का आंकलि करिे का स्वीकाया
साधि।
दे श र्ें और ववदे शों के साथ रोजगार और प्रोत्साहि के र्ार्ले
र्ें गनतशीलता और अवसर।
सीटीएस के तहत 107 रे डों र्ें और एटीएस के अधीि 153 रे डों
का ववकास र्कया गया है और लागू हैं।
माांग आधारित व्यावसाययक प्रशिक्षण- वतगमान परिदृश्य
• िए रे डों को नियशर्त तौर पर शाशर्ल र्कया जा रहा
है यह सुनिजश्चत करिे के शलए की कुशल श्रर् शजक्त
रोजगार जन्य उभरते हुये क्षेत्रों र्े उपलब्ध है ।
• ऐसे रे डों को जो बाज़ार की जरूरतों के अिुसार
अिावश्यक और परु ािे पड़ चक
ु े हैं उन्हें हटाया जा रहा
है ।
• उद्योग के ववशेषज्ञों को शाशर्ल करते हुये सर्य-सर्य
पर पाठ्यक्रर्ों की सर्ीक्षा और अध्यति का काया
र्कया जाता है ।
माांग आधारित व्यावसाययक प्रशिक्षण- वतगमान परिदृश्य
उत्कृष्ट्टता के केंद्र
500 आईटीआई (100 घरे लू और 400 ववश्व बैंक के सहयोग
से) उत्कृष्ट्टता के केन्द्रों र्ें ववकशसत र्कए जा रहे हैं। उत्कृष्ट्टता
केन्द्रों की प्रर्ख
ु ववशेषताएँ हैं:
उद्योग की आवश्यकता के अिुसार लोचक बहु-प्रवेश/बहु-निगार्,
बहु-कुशल र्ॉड्यूलर पाठ्यक्रर्।
उत्कृष्ट्टता केन्द्रों के ववकास के प्रत्येक चरण र्ें उद्योगों की
सहभागगता, जैसे प्रशशक्षण आवश्यकताओं का र्ल
ू यांकि,
पाठ्यक्रर् का ववकास, प्रशशक्षुओं का चयि और प्रशशक्षुओं का
परीक्षण तथा आईटीआई स्िातकों की नियजु क्त र्ें सहयोग।
राष्ट्रीय परीक्षण और प्रर्ाणि प्रणाली
परीक्षण और प्रर्ाणि – (औपचाररक प्रशशक्षण के र्ाध्यर् से प्राप्त
कौशल)
दे श र्ें अच्छी तरह से स्थावपत व्यापार परीक्षण और प्रर्ाणि
प्रणाली.
28 अखिल भाित रे ड पिीक्षण वावषाक तौर पर ववशभन्ि स्तरों
र्ें आयोजजत र्कए जाते हैं।
आईटीआई/आईटीसी के प्रशशक्षुओं और कंपनियों के प्रशशक्षुओं
को राष्ट्रीय स्तर पर रे ड परीक्षण आवश्यक है ।
शलखखत और प्रयोगगक परीक्षाएँ, प्रश्ि पत्रों को उद्योगों से रे ड
ववशेषज्ञों को शाशर्ल करके तैयार र्कया जाता है ।
परीक्षा पत्रों को शशक्षाववदों द्वारा संशोगधत र्कया जाता है ।
राष्ट्रीय रे ड प्रर्ाणपत्र और राष्ट्रीय प्रशशक्षुता प्रर्ाणपत्र को
एिसीवीटी के तत्वावधाि र्ें आईटीआई स्िातकों तथा रे ड
प्रशशक्षुओं को प्रदाि र्कया जाता है ।
िाष्रीय व्यावसाययक प्रशिक्षण प्रणाली (एनटीवीएस)
र्ान्यता – नियोजिीयता पररप्रेक्ष्य
सीटीएस और एटीएस के अधीि प्रदाि र्कए गए प्रर्ाणपत्र को
रोजगार हे तु राज्यों और केंद्र सरकार के ववभागों/उपक्रर्ों
द्वारा र्ान्यता प्राप्त है ।
दे श र्ें और ववदे शों र्ें राष्ट्रीय प्रर्ाणि की ववश्वसिीयता है ।
कौशल उन्ियि के बाद औद्योगगक श्रशर्कों को संस्थाि स्तर
पर प्रर्ाण पत्र से सम्र्ानित र्कया जाता है , जो प्रयोजक
संगठि द्वारा र्ान्यता प्राप्त होता है ।
राष्ट्रीय कौशल प्रनतयोगगता- ववश्व कौशल र्ें सहभागी
होिे की जरूरत
कािीगिों के शलए कौिल प्रयतयोगगता- 13 रे ड – वषा र्ें एक बार
प्रशिक्षुओां के शलए कौिल प्रयतयोगगता- 15 रे ड वषा र्ें दो बारस्थािीय, क्षेत्रीय एवं अखखल भारत स्तर
सम्मान:
उत्कृष्ट कािीगि, सवगश्रेष्ठ प्रशिक्षु- प्रशजस्त पत्र और िगद पुरस्कार
उत्कृष्ट िाज्य- प्रशजस्त पत्र एवं रनिंग शीलड
उत्कृष्ट थिापना- र्ाििीय भारत के राष्ट्रपनत से सम्र्ाि पत्र एवं
रनिंग रॉफी
कायग कौिल डीजीई&टी तथा सीआईआई द्वारा संयक्
ु त तौर पर वषा
र्ें एक बार प्रनतयोगगता का आयोजि और सदस्य उद्योगों द्वारा
िौ रे डों र्ें ।
ववश्व कौिल प्रयतयोगगता- सहभागगता
अंतरााष्ट्रीय स्तर पर कोई भागीदारी िहीं।
भारत िे ववश्व कौशल का सदस्य बििे का फैसला शलया
और “ववश्व कौशल प्रनतयोगगता” र्ें सहभागगता की।
ववश्व कौशल प्रनतयोगगता का आयोजि संयक्
ु त तौर पर
डीजीई&टी तथा सीआईआई द्वारा र्कया गया जजसे ववश्व
कौशल प्रनतयोगगताओं के क्रर् र्ें संशोगधत र्कया जा रहा
है ।
प्राप्त अिभ
ु वों से दे श र्ें प्रदाि र्कए जािे वाले प्रशशक्षण
कायाक्रर् को र्फर से अशभर्ुख करिे और इसे ववश्व
स्तरीय बिािे र्ें उपयोगी शसद्ध होगा.
अिौपचाररक क्षेत्र र्ें व्यावसानयक प्रशशक्षण
भारत र्ें श्रशर्कों की एक बड़ी संख्या िे अिौपचाररक ढं ग
से कौशल प्राप्त र्कया है
वे पररवार की परं परा/ व्यवसाय या एक लंबे सर्य से एक
ही ववशेष व्यापार र्ें रोजगार करते रहते हैं।
प्राप्त कौशल अलग-अलग क्षेत्रों की गनतववगधयों र्ें हैं।
भारत र्ें अिौपचाररक अथाव्यवस्था का आकार बड़ा है और
कुल काया बल का लगभग 93% अिौपचाररक अथाव्यवस्था
र्ें लगा हुआ है ।
अपिे कौशल प्राजप्त के स्तर का परीक्षण और प्रर्ाणि के
अभाव के पररणार्स्वरूप उिकी प्रगनत का कोई साधि
िहीं है और वे एक जगह जस्थर हो जाते हैं।
परीक्षण और प्रर्ाणि- अिौपचाररक शशक्षा की र्ान्यता
के शलए पहल
अिौपचाररक तौर पर प्राप्त कौशल का परीक्षण और
प्रर्ाणि के शलए प्रणाली शरू
ु करिे की आवश्यकता
ऐसे श्रशर्कों के कौशल का परीक्षण और प्रर्ाणि का पहल
करिा जजन्होंिे र्कसी प्रकार का संस्थागत प्रशशक्षण िहीं
शलया है ।
3 अिुर्ोददत अशभकरणों/निकायों और 17 राज्य सरकारों
द्वारा कायााजन्वत
योग्यता आधाररत कौशल र्ािकों, र्ख्
ु य रूप से निर्ााण
क्षेत्र के शलए, 47 कौशल क्षेत्रों को ववकशसत र्कया गया है ।
नयी िणनीयतयााँ
अिौपचाररक क्षेत्र के शलए कौशल ववकास
आगथाक रूप से कर्जोर वगा और कर् शशक्षक्षत व्यजक्तयों को कौशल प्रशशक्षण
प्रदाि करिे के शलए- - कौशल ववकास का एक िया ढांचा ववकशसत र्कया जा
रहा है । योग्यता उन्र्ख
ु रोजगार कौशल प्रशशक्षण र्ॉड्यल
ू र आधार पर प्रदाि
र्कया जाएगा।
योजिा र्ें रोजगार कौशल के तहत पांच साल र्ें 1 लाख व्यजक्तयों को
प्रशशक्षक्षत करिे और प्रर्ाखणत करिे की पररकलपिा की गई है ।
इसके बाद 1 लाख लोग हर साल प्रशशक्षक्षत र्कए जाएंगे।
इि हाशसल की गयी योग्यता को सीखिे के पररणार्ों के संदभा र्ें व्यक्त
र्कया जाएगा। इस लक्ष्य सर्ह
ू के कौशल प्रगनत के शलए एक राष्ट्रीय योग्यता
ढांचा ववकशसत र्कया जा रहा है ।
आईएलओ की शसफ़ारििें 195 र्ान्यता तथा प्रर्ाणि की संरचिा र्ें
शाशर्ल हैं जजि कौशलों को 17 जि
ू , 2004 को जेिेवा र्ें आयोजजत
आईएलओ की 97वें अगधवेशि के दस
ू रे सत्र र्ें अपिाया गया था
दे शों का और इस बात का ध्याि ददये बगैर र्क उन्हें कहाँ और कब, सीखिे
के पूवा या पूवा के अिुभवों से तथा क्या औपचाररक अथवा अिौपचाररक तौर
पर प्राप्त र्कया गया है , राष्ट्रीय योग्यता संरचिा का उपयोग करते हुये
सार्ाजजक साझेदारों के परार्शा र्ें ऐसे उपाय अपिाए जािे चादहए र्क
र्ूलयांकि का पारदशी तंत्र का ववकास, कायाान्वयि तथा ववत्तपोषि,
र्ल
ू यांकि, प्रर्ाणि और र्ान्यता के शलए र्कया जा सके।
इस तरह की र्ल
ू यांकि पद्धनत, वैकजलपक, गैर-भेदभावपण
ू ा और र्ािकों से
जुड़ा होिा चादहए।
राष्ट्रीय संरचिा र्ें एक ववश्वसिीय प्रर्ाणि प्रणाली को शाशर्ल र्कया जािा
चादहए जो यह सनु िजश्चत करे गी र्क कौशल वहिीय और उद्योगों, उद्यर्ों
रथ शैक्षक्षक संस्थािों के परू े क्षेत्र र्ें र्ान्यता प्राप्त हैं।
प्रवासी श्रशर्कों के कौशल और योग्यता की र्ान्यता और प्रर्ाणि को
सुनिजश्चत करिे के शलए ववशेष उपबंध तैयार र्कए जािे चादहए।
कौिल गयतिीलता
व्यापार और रोजगार के वैश्वीकरण से एक गण
ु ात्र्क पररवताि
दनु िया र्ें आया है ।
राष्ट्रीय सीर्ाओं के पार लोगों का जि – आंदोलि।
जिशजक्त, ववदे शी र्द्र
ु ा अजाि और आगथाक ववकास के उत्थाि का
एक अच्छे स्रोत के रूप र्ें शजक्तशाली बल बि गया है ।
लोगों अपिे कौशल का उन्ियि करिे की दृजष्ट्ट से भी पलायि
कर रहे हैं।
भारत कुशल, अद्धा कुशल और अकुशल श्रशर्कों का एक ववशाल
जलाशय है ।
यदद उगचत प्रशशक्षण, परार्शा और पुिशभाववन्यास ददया जाता है ,
तो भारत यव
ु ा दे श होिे के िाते, भारतीयों की बड़ी संख्या को
कार् के शलए अन्य दे शों र्ें बसा सकता है ।
कौिल गयतिीलता- र्द्द
ु े
प्रर्ाणि को शाशर्ल कराते हुये राष्ट्रीय योग्यता संरचिा
का ववकास यह सुनिजश्चत करे गा र्क कुशलताएं सीर्ा
पार ववदे शों र्ें भी पोटे बल और र्ान्यता प्राप्त हैं।
योग्यता संरचिा की परस्पर र्ान्यता और कौशल
र्ािकों का आपसी सर्न्यवयि।
श्रशर्कों की बाधा र्ुक्त गनतशीलता।
भारतीय कार्गारों के कौशल स्तर को ऊपर उठािा।
कौिल गयतिीलता- पहुँच
राष्ट्रीय योग्यता संरचिा का ववकास
राष्ट्रीय तौर पर सहर्त एक संरचिा जो दहतधारकों के
ववकास के शलए आवश्यक सर्झौते को र्ागादशाि दे और
पररलक्षक्षत करे ।
इस तरह की संरचिा कौशल प्राप्त करिे के ववशभन्ि
राष्ट्रीय प्रणाशलयों के बीच एक सेतु के रूप र्ें काया करे गा
और पारदशशाता, गनतशीलता तथा दे श र्ें और बाहर कार्
कर रहे कुशल लोगों को ववशभन्ि स्तरों की प्रगनत की
सवु वधा शर्ल सकेगी।
1/4
कौिल गयतिीलता- पहुँच
योग्यता संरचिा की परस्पर र्ान्यता और कौशल र्ािकों का
आपसी सर्न्यवयि
 रोजगार क्षेत्रों और स्वीकाया कौशल र्ािकों के ववकास का
पररलक्षण।
 योग्यता की एक सस
ं त संरचिा के शलए भागीदार दे शों के साथ
ु ग
सहयोग सर्झौता।
 आवश्यक कौशल को प्राप्त करिे हे तु तंत्र और इसे उपयक्
ु त
प्रागधकारी द्वारा प्रर्ाखणत र्कया जािा।
2/4
कौिल गयतिीलता- पहुँच
श्रशर्कों की बाधा/ बाधा-र्क्
ु त गनतशीलता
• योग्यताओं की परस्पर र्ान्यता।
• ववदे शों की योग्यता का र्ल
ू यांकि करते सर्य भेदभाव से दरू
रहें । (प्रचलि र्ें राष्ट्रीय योग्यताओं को श्रेष्ट्ठ र्ािा जाता है )
• नियशर्त रूप से संपका के र्ाध्यर् से आपसी ववश्वास और
ववश्वास का निर्ााण
• र्ान्यता प्राप्त श्रशर्कों को सरल/त्वररत तौर पर वीसा
3/4
कौिल गयतिीलता- पहुँच
श्रशर्कों के कौशल स्तर को ऊपर उठािा
• दहतधारकों की सर्क्रय भागीदारी के साथ श्रशर्कों के कौशल के
र्ािकों का उन्ियि करिे के उपाय।
• उपायों र्ें भागीदार दे शों के बीच कौशल प्रनतयोगगता भी
शाशर्ल की जा सकती है ।
4/4
दृजष्ट्ट
ववश्व की कौशल पंज
ू ी
ववश्व र्ािकों के अिस
ु ार काया शजक्त के उत्पादि
करिे हे तु प्रशशक्षण पाठ्यक्रर्ों का पुिःस्थापि
काया शजक्त के
कौशल गनतशीलता हे तु
अिौपचाररक तौर पर प्राप्त कौशलों की
बेंचर्ार्किंग।
धन्यवाद