युनिकोड प्रयोग

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Transcript युनिकोड प्रयोग

र्हन्‍दी‍यनू िकोड‍कायिशाला
समस्‍त‍सहभागियों‍का‍
हार्दि क‍स्‍वाित‍हैं‍!
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वह लोकतिंत्र ही क्या, जो लोकभाषा में ि चले?
भाषाई दृष्टि से दे खें तो भारतीय लोकतिंत्र पर यह सबसे बडा व्यिंग्य है .
ऑस्रे ललयाई सरकार िे कहा है कक भारत जािे वाले उसके राजिानयकों को र्हिंदी सीखिे की जरूरत
िहीिं है , क्योंकक वहािं सारा कामकाज अिंग्रेजी में होता है । प्रधािमिंत्री जलू लया गिलाडि िे तो यहािं तक कहा
कक ‘भारत एक अिंग्रेजीभाषी लोकतिंत्र है ।’ ऑस्रे ललया के ववदे शी मामलों के ववशेषज्ञ इयाि हाल िे
अपिी सरकार को सलाह दी थी कक भारत में नियुक्त ककए जािे वाले राजिानयकों को र्हिंदी इसललए
भी
लसखाई
जाए
क्योंकक
ऐसा
करिे
से
भारत
का
सम्माि
होिा।
जब जापाि, चीि, कोररया, इिंडोिेलशया, ईराि, तक
ु ी जैसे दे शों में भेजे जािे वाले राजिानयकों को उि दे शों
की भाषा सीखिी अनिवायि है तो भारत की उपेक्षा क्यों? इस पर ऑस्रे ललया के ववदे श व्यापार सगचव
का कहिा था कक जब भारत ही अपिा सारा कामकाज अिंग्रेजी में करता है तो ऑस्रे ललयाई
राजिानयकों को क्या पडी है कक वे र्हिंदी सीखें ?
- डॉ.वैदप्रताप वैर्दक, दै निक भास्‍
कर, 14जि
ू 2012.
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भाषा‍दे श‍की‍सिंस्‍कृनत, समवृ ि‍और‍सरु क्षा‍की‍
दृष्टि‍से‍भी‍महत्‍वपूर्‍ि है .
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2.
3.
3
ककसी भी भाषा का ककतिा अच्‍
छा और व्‍यापक प्रयोि हो
सकता है यह भाषा पर िहीिं बष्कक उसके प्रयोि करिे
वाले पर निभिर करता है .
ववश्‍व में सबसे अगधक बोली जािे वाली भाषाओिं में र्हन्‍
दी
दस
ू रे स्‍थाि पर है .
ष्जस तरह र्हन्‍
दी भारत की राट‍रभाषा होते हुए भी केवल
आधे भारतीय ही र्हन्‍
दी जािते है वही ष्स्थनत चीि में
मिंदाररि और इिंग्‍लड
ैं में अिंग्रेजी की है .
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महत्‍
वपर्
ू ि
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4.
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अिंग्रेजी सिंसार के मात्र साढे चार दे शों की भाषा है - अमेररका,
ब्रििे ि, आस्‍रेललया, न्‍यूजीलैंड और आधा किाडा.
ब्रििे ि या इिंग्‍लड
ैं में अिंग्रेजी के साथ-साथ वेकस
‍ , स्‍कॉर्िश और
आयररश भाषा-भाषी हैं.
किाडा में अिंग्रेजी के समािािंतर फ्रेंच भाषा भी चलती है .
अमेररका में भी केवल अिंग्रेजी का ही वचिस्‍व है यह धारर्ा भी
िलत है क्‍
योंकक वहािं पर भी स्‍पेनिश भावषयों की सिंख्‍या करोडों
में हैं.
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महत्‍
वपर्
ू ि
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अिंग्रेजी में मल
दी में ढाई
ू शब्‍द मात्र 10 हजार है जबकक र्हन्‍
लाख से भी अगधक मल
ू शब्‍द उपलब्‍ध है . जैसे सरू ज के ललए
अिंग्रेजी में केवल SUN लमलेिा जबकक र्हन्‍
दी में इसके ललए सय
ू ,ि
सरू ज, रवव, आर्दत्‍य, भाि,ु भास्‍कर, र्दिकर, र्दवाकर आर्द
शालमल हैं.
भारत के 65 करोड लोि लशक्षक्षत है ष्जिमें से लसर्ि 4 करोड
लोि ही अिंग्रेजी बोलिा, ललखिा एविं पढिा जािते है और बाकक
61 करोड लोि या तो अपिी मातभ
ृ ाषा पर निभिर है या कर्र
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र्हन्‍दी.
महत्‍
वपर्
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एक आकलि के अिुसार भारत में 5 प्रनतशत पहले दजे और 15
प्रनतशत दस
ू रे दजे की िौकररयों को छोड दे तो शेष 80प्रनतशत
तीसरे दजे की िौकररयों के ललए अिंग्रेजी जाििे की आवयकता
िहीिं है .
मात्र ढाई-तीि वषों में सच
ू िा, सिंचार और मिोरिं जि से जड
ु े सभी
क्षेत्रों में र्हन्‍
दी की ष्स्थनत और अगधक प्रभावी और मजबत
ू हुई हैं.
भारतीय भाषाओिं पर आधाररत सच
ू िा प्रौद्योगिकी का र्ौरी बाजार
अब 600 करोड सालािा से अगधक है .
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महत्‍वपर्
ू ि
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•
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राजिेताओिं, िौकरशाहों, अलभिेताओिं और खखलाड़डयों के साथ
ववदे शों में हो रहे अपमाि पर हम त्‍
वररत प्रनतकिया व्‍यक्‍त करते
है परिं तु अपिी भाषा के अपमाि के मद्द
ु े पर ?
परिं तु यह वह र्हन्‍
दी है ष्जसिे िीवी के समाचार चैिलों के
महासिंग्राम में अिंग्रेजी के न्‍यूज चैिलों को िीआरपी माकेि से
खदे ड रखा हैं.
यह वह र्हन्‍
दी है ष्जसके अ‍
खबारों िे भारत के िॉप िे ि यािी
अग्रर्ी दस के समह
थाि सरु क्षक्षत कर रखा
ू में आज भी अपिा स्‍
है जबकक अिंग्रेजी का एक भी अखबार आज तक इस श्रेर्ी में
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स्‍थाि िहीिं बिा सका है .
हम‍आज‍कहााँ‍हैं?
और‍आिे‍रास्ता‍क्या‍है .....
एक अरब से भी अगधक बहुभाषी भारतवालसयों को परस्पर
समीप लािे में सच
ू िा प्रौद्योगिकी की भाषा प्रौद्योगिकी
एक अहम ् भूलमका निभा सकती है ।
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वतिमाि‍ष्स्थनत
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ह द
िं ी के विभिन्न सॉफ्टिेयर, फ ाँट्स क प्रयोग
कई किं जीपटल/ फ ाँट्स सीखन
फ ाँट्स यूनीकोड आध ररत न ीिं
एच.टी.एम.एल पररिततन में त्रहटय ाँ
आपसी पत्र च र में समस्य
क यत में असविध
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र्ााँिों‍की‍समस्या‍???
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v{bwF Fchü mcfUe vmk= fU˜tb
Cth; cludt rhxu˜ btfuoUx fUt ct=Ntn
VUtpågqol fUe mqae bü 6 Cth;eg meRoytu
=mJé bü lné ntude vheGt!
Isimt fUtb Jimt =tbO IfUtuRo bNel mtult lnéWd˜;e, mtult Wd˜;e
nî rfU;tcü, Ce;h CeMK Œël F\zu nî, Wúth Wd˜;e nî rfU;tcü>O
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fuU r˜Y Rk=tih çgqxerNgl YmturmYNl Åtht... ..ytdu
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िव‍ववकास
1. माइिोसॉफ्ि द्वारा भारतीय सिंस्करर् का ववकास
2. वविंडोज 2000 एविं उससे ऊपर का ऑपरे र्ििंि लसस्िम
3. ऑकर्स क्लाइिंि में र्हिंदी सहज
4. इिंड़डक आई.एम.ई (इिपुि मेथड एडीिर) का ववकास
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यनू िकोड‍क्‍
यों‍?
1. सभी‍कायि‍र्हन्‍दी‍में ‍सिंभव. जैसे‍वडि‍प्रोसेलसिंि, डािा‍प्रोसेलसिंि, ईमेल‍और‍वेबसाईि‍निमािर्‍आर्द.
2. यह‍अिंतरािट‍रीय‍मािक‍और‍अिंग्रेजी‍की‍तरह‍है.
3. ककसी‍भी‍िाउजर‍या‍ऑपरे र्ििंि‍लसस्‍िम‍में ‍आसािी‍से‍र्हन्‍
दी‍
र्ाइलों‍का‍आदाि‍प्रदाि‍कर‍सकते‍हैं.
4. र्हन्‍
दी‍की-वडि‍पर‍ककसी‍भी‍सचि‍इिंजि‍पर‍जैसे‍िि
ू ल‍आर्द‍पर‍
आसािी‍से‍सचि‍कर‍सकते‍है .
5. डािाबैस‍सचि‍कर‍सकते‍है .
6. नििःशुक‍क‍है .
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यनू िकोड‍क्‍
यों‍?
1. कम््यि
ू र, मल
ू रूप से, ििंबरों से सम्बिंध रखते हैं। ये प्रत्येक
अक्षर और वर्ि के ललए एक ििंबर निधािररत करके अक्षर और वर्ि
सिंग्रर्हत करते हैं यथा 0 या 1(बाइिरी मोड में ) जैसे केवपिल ए
के ललए 01000001 और 1 के ललए 00110001.
2. यनू िकोड का आववटकार होिे से पहले, ऐसे ििंबर दे िे के ललए
सैंकडों ववलभन्ि सिंकेत ललवप प्रर्ाललयािं थीिं। अिंग्रेजी जैसी भाषा के
ललए भी, सभी अक्षरों, ववराम गचन्हों और सामान्य प्रयोि के
तकिीकी प्रतीकों हे तु एक ही सिंकेत ललवप पयाि्त िहीिं थी।
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महत्‍वपर्
ू ि
1. यूनिकोड‍प्रत्येक‍अक्षर‍के‍ललए‍एक‍ववशेष‍िम्बर‍
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प्रदाि‍करता‍है , चाहे ‍कोई‍भी‍्लैिर्ॉमि हो, चाहे ‍
कोई‍भी‍ग्राम‍हो‍और‍चाहे ‍कोई‍भी‍भाषा‍हो।
2. आज भूमण्‍
डीलकरर् के दौर में र्हन्‍
दी र्ोंट्स के
मािकीकरर् का सबसे बडा ववशेष काम ककया है
यनू िकोड िे जो कक 16 ब्रबि की एक एिकोड़डिंि
व्‍
यवस्‍था है .
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यनू िकोड‍क्या‍है ‍?
1. यनू िकोड को ग्राहक-सविर अथवा बहु-आयामी उपकरर्ों और
वेबसाइिों में शालमल करिे से, परिं पराित उपकरर्ों के प्रयोि की
अपेक्षा खचि में अत्यगधक बचत होती है ।
2. यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्िवेयर उत्पाद अथवा अकेली‍
वेबसाइि लमल जाती‍है , ष्जसे री-इिंजीनियररिंि के ब्रबिा ववलभन्ि
्लैिर्ॉमों, भाषाओिं और दे शों में उपयोि ककया जा सकता है ।
3. इससे डािा को ब्रबिा ककसी बाधा के ववलभन्ि प्रर्ाललयों से होकर
लाया‍या‍ले जाया जा सकता है ।
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यनू िकोड‍क्या‍है ‍?
यनू िकोड स्िैंडडि को ऐपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ि लसस्िम, माईिोसॉफ्ि,
औरे कल, सैप, सि, साईबेस, यूनिलसस जैसी उद्योि की प्रमख
ु कम्पनियों और
कई अन्य िे अपिाया है । यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मािदिं डों, जैसे
एक्स.एम.एल., जावा, एकमा ष्स्ि्ि (जावा ष्स्ि्ि), एल.डी.ए.पी., कोबाि 3.0,
डब्कयू.एम.एल. के ललए होती है और यह आई.एस.ओ./आई.ई.सी. 10646 को
लािू करिे का अगधकाररक तरीका है । यह कई सिंचालि प्रर्ाललयों, सभी
आधुनिक िाउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है । यूनिकोड स्िैंडडि की
उत्पनत और इसके सहायक उपकरर्ों की उपलब्धता, हाल ही के अनत महत्वपर्
ू ि
ववश्वव्यापी सॉफ्िवेयर िे क्िोलॉजी रुझािों में से हैं।
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और‍इसीललए.......
सच
ू िा ववनिमय के मािक के रूप में यूनिकोड की स्वीकृनत सिंपूर्ि
ववश्व में बढ़ती जा रही है ।
2. सच
ू िा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अगधकािंश किंपनियों िे इसके पक्ष में
अपिे सहयोि की घोषर्ा कर दी है ।
3. भारतीय भाषाओिं के ललए यनू िकोड 'आस्की 91' का प्रयोि ि करके
'इस्की 88' का प्रयोि करता है जो अद्यति सरकारी मािक है ।
4. भारत सरकार का सच
ू िा प्रौद्योगिकी मिंत्रालय यनू िकोड
किंसोर्िि यम का मतागधकार के साथ पूर्ि सदस्य बि िया है .
1.
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16 ब्रबि‍(2 बाइि) यनू िकोड‍1.
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यनू िकोड मािक किं्यि
ू र सिंसाधि के उद्देश्य से कोडािंतरर् मािक है ।
यनू िकोड मािक ववश्व की ललखखत भाषाओिं के ललए प्रयक्
ु त सभी वर्ों के कोडािंतरर्
की क्षमता रखता है ।
यूनिकोड मािक वर्ि तथा उसके प्रयोि के सिंबिंध में सूचिा प्रदाि करता है ।
बहुभाषी पाठों से सिंबिंध रखिे वाले व्यापाररक लोिों, भाषाववदों, शोधकतािओिं, ववज्ञानियों,
िखर्तज्ञों तथा तकिीकज्ञों जैसे किं्यूिर प्रयोक्ताओिं के ललए यनू िकोड मािक बहुत ही
उपयोिी है
यनू िकोड 16 ब्रबि कोडािंतरर् का उपयोि करता है ष्जसमें 65000 वर्ों (65536) से
भी अगधक के ललए कोड ब्रबिंद ु उपलब्ध कराता है ।
यूनिकोड मािक प्रत्येक वर्ि को एक निश्चत सिंख्यात्मक मूकय तथा िाम निधािररत
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करता है ।
इिंड़डक‍आई.एम.ई?
1. भारतीय भाषाओिं में ििं कर्
2. बहु प्रचललत किंु जीपिलों की सुववधा
3. यि
ू ीकोड आधाररत र्ााँट्स की उपलब्धता
4. वतििी व व्याकरर् की जााँच
5. सोर्ििं ि, मेल मष्जिंि,आर्द की सवु वधा
6. ऑिो करे क्ि, ऑि द फ्लाय सुववधा
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इिंड़डक‍आई.एम.ई‍डाउिलोड कैसे‍करें
सी.डी/इिंरािेि/(www.bhashaindia.com) से इिंड़डक
आई.एम.ई र्ाइल डेस्किॉप पर सेव करें .
2. वविष्िप र्ाइल को अिष्जप करें
3. setup.exe र्ाइल को run करें
4. र्ाइल इिंस्िाल होिे पर पी.सी को restart करें
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http://bhashaindia.com
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भाषा‍निधािरर्‍कैसे‍करें
निम्ि प्रकिया अपिाएिं
Start=> Settings=> Control Panel=>
Regional & Lang options=>
Language=> Details=> Keyboard=>
Add=>Hindi Indic IME1 (V 5.0)
=> Apply
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र्हिंदी‍में ‍काम‍बहुत‍आसाि
1.
2.
3.
वडि/एक्सेल/पॉवर ्वािंइि र्ाइल खोललए
Alt+Shift से र्ााँि पररवतिि करें
दााँयी ओर िीचे 5 आइकॉि आएिंिे
िूलबार से र्हिंदी (HI) अथवा अिंग्रेिी (EN) चुिें
5. वािंनछत किंु जीपिल का चयि करें
6. ऑि द फ्लाय की सवु वधा से आसािी से िाइप
करें
4.
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इस्की‍क्या‍है ‍?
भारतीय मािक ब्यरू ो िे इस्की (सच
ू िा ववनिमय के ललए भारतीय
मािक कोड) िाम से एक मािक निलमित ककया है ष्जसे 7 या 8 ब्रबि
वर्ों का प्रयोि करते हुए सभी किं्यि
ू रों तथा सिंचार माध्यमों में
प्रयोि ककया जा सकता है ।
8 ब्रबि पररवेश में निचले 128 वर्ि वही हैं जो सच
ू िा ववनिमय के
ललए IS10315:1982 (ISO 646 IRV)7-ब्रबि वर्ि सेि द्वारा पररभावषत हैं,
ष्जन्हें एस्की वर्ि सेि के रूप में भी जािा जाता है ।
ऊपर के 128 वर्ि सेि प्राचीि िाह्मी ललवप पर आधाररत भारतीय
ललवपयों की आवश्यकता की पूनति करते हैं ।
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यनू िकोड तथा इस्की कोड में
मल
ू भत
ू अिंतर क्या है ?
यनू िकोड 16 ब्रबि कोड़डिंि का प्रयोि करते हुए 65000 से अगधक वर्ों
(65536) के ललए कोड-ब्रबिंद ु निश्चत करता है । यूनिकोड मािक
प्रत्येक वर्ि को एक ववलशटि सिंख्यात्मक मूकय तथा िाम प्रदाि
करता है । यनू िकोड मािक ववश्व की सभी ललखखत भाषाओिं में
प्रयक्
ु त सभी वर्ों की कोड़डिंि के ललए क्षमता प्रदाि करता है ।
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 'इस्की' 8ब्रबि कोड है
ष्जसके अिस
ु ार िाह्मी ललवप से उद्भत
ू 10
भारतीय ललवपयों के ललए मूलभूत वर्ि सष्म्मललत हैं । भारत में 15
मान्यता प्रा्त भाषाएाँ हैं । र्ारसी-अरबी ललवपयों के अनतररक्त,
भारतीय भाषाओिं के ललए प्रयुक्त अन्य सभी 10 ललवपयााँ प्राचीि
िाह्मी ललवप से ववकलसत हुई हैं तथा इसकी ध्वन्यात्मक सिंरचिा में
समािता पाई जाती है ष्जससे समाि वर्ि सैि सिंभव हो सकता ।
 'आज इस्की' कोड सारर्ी िाह्मी आधाररत भारतीय ललवपयों के ललए
आवश्यक एक प्रकार का सुपर सैि है । सुववधा के ललए मान्यता
प्रा्त दे विािरी ललवप के वर्ों को मािक में प्रयोि ककया िया है ।
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अपने क य तलय में य तो
म कर ी सकते ै -
र जि ष क य तन्ियन से सिंबिंद्ध सूचन ओिं को
क य तलय के सूचन पटल पर लग ते र ें त कक सिी
क भमतक इसके म त्ि को समझ सके
अपने क य तलय में उपस्स्ितत पत्रक ह न्दी में ी
तैय र करें एििं उसमें ह न्दी में स्त क्षर े त
क भमतकों को प्रेररत करें
र्हन्‍दी‍में ‍ई-मेल‍करिा‍आरिं भ‍करें
अिंग्रेजी‍में ‍प्रा्‍त‍ई-मेल‍का‍उत्‍तर‍भी‍आप‍र्हन्‍दी‍में ‍दे ‍सकते‍है .
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र्हन्‍दी‍में ‍प्रा्‍
त‍पत्रों‍के उत्‍
तर‍
अनिवायि‍रूप‍से‍र्हन्‍
दी‍में ‍ही‍दें
अिंग्रेजी‍में ‍प्रा्‍त‍पत्रों‍के‍उत्‍तर‍भी‍आप‍र्हन्‍दी‍में ‍दे ‍सकते‍है.
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राजभाषा‍अगधनियम‍1963 धारा‍3(3)
का‍अिप
ु ालि‍करें
सिंकक‍प, सामान्‍
य आदे श, नियम, अगधसच
ू िाएिं, प्रशासनिक एविं
अन्‍य प्रनतवेदि, प्रेस ववज्ञष््तयािं, सिंसद में प्रस्‍तुत ककए जािे
वाले कािजात, करार, अिुज्ञष््तयािं, निववदा प्रारूप आर्द
अनिवायि रूप से र्हन्‍
दी एविं अिंग्रेजी अथाित ् द्ववभाषी जारी
ककए जाएिंिे.
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र्हन्‍
दी‍में ‍काम‍करते‍समय‍भारतीय‍अिंकों‍के‍अिंतरािट‍रीय‍
स्‍वरूप‍जैसे‍1,2,3,4,5.... आर्द‍का‍ही‍प्रयोि‍करें
फ इलों एििं रस्जस्टरों पर शीषतक
ह न्दी में ी भलखें
रबर की म रें एििं न मपहिक एिं ह न्दी एििं
अिंग्रेजी अि तत ् द्विि षी बनि एिं
अपने य त्र व्यय पत्रक (TE Bills)एििं अन्य सिी प्रक र के
आिेदन (All applications) आहद ह न्दी में ी प्रस्तत करें
चेक (Cheques) ह न्दी में
ी तैय र करें
•क
भमतक/म सप्रवि (Pers/HRMD)एििं अिंतर
विि गीय समस्त पत्र च र ह न्दी में ी करें
•विधध
विि ग से सिंबिंधधत पत्र च र आहद ह न्दी
में ी करें
प्रत्येक विि गीय बैठक/सम्मेलन आहद के बैनर, पेड, फोल्डर,
न म पहिक एिं, पिंजीयन पत्रक, प्रस्ततीकरण आहद
ह न्दी में ी तैय र करें
प्रभशक्षण के दौर न ज नक री एििं प्रभशक्षण स मग्री
अधधकतम ह न्दी में ी प्रद न करें
विि गीय एलटीएस/एलएफसी एििं बच्चों की स्कूल फीस
आहद के भलए आिेदन एििं पत्र च र ह न्दी में ी करें
भलफ फों पर प्र प्तकत त एििं प्रेषक क पत ह न्दी में
ी भलखें (विशेष पररस्स्िततयों को छोडकर)
डडस्पेच रस्जस्टर में ड क ह न्दी में चढ एिं ति
ह न्दी में िेजे ज र े पत्रों के आगे H भलखें ति
अिंग्रेजी में िेजे ज र े पत्रों के स मने कॉलम में E भलखें त कक
ह न्दी पत्र च र क ि स्तविक प्रततशत ज्ञ त ो सके
ह न्दी टिं कण िी आस न ै
प्रय स तो करें
सिंघ‍की‍राजभाषा‍के‍सिंदभि‍में ‍कुछ‍
महत्‍वपर्
ू ि घििािमों‍को‍अवश्‍य‍याद‍रखें
1.
2.
3.
4.
47
14.9.1949 - सिंववधाि सभा िे र्हन्दी को सिंघ की राजभाषा के रूप
में स्वीकार ककया । इस र्दि को अब र्हिंदी र्दवस के रूप में
मिाया जाता है ।
26.1.1950 - सिंववधाि लािू हुआ। तदिुसार उसमें ककए िए भाषाई
प्रावधाि(अिच्
ु छे द 120, 210 तथा 343 से 351) लािू हुए ।
10.5.1963 – राजभाषा अगधनियम बिाया िया धारा 3(3), 5
और र्हन्‍
दी प्रलशक्षर् अनिवायि ककया िया.
1976 – 12 राजभाषा नियम बिाएिं िए(क,ख,ि,घ) ।
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क य तलय प्रि री ह न्दी में क मक ज क फोलोअप रखते
ए क भमतकों को ह न्दी में क मक ज के भलए
पूणत प्रोत्स न एििं प्रेरण प्रद न करें
•ह
न्दी न ीिं प्र िंत विशेष की
•य तो ै सिंपूणत दे श की
ह न्दी
म रे आत्मसम्म न की प्रतीक ै
िष
म रे विच रों क पररध न ोती ै
ह न्दी में ो व्यि र
तो बढ़े सिंबिंध, बढ़े व्य प र
कोई‍प्रश्‍
ि
53
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आर.बाबूराज‍जैि
र्हिंदी‍लशक्षक,
जवाहर‍िवोदय‍ववद्यालय,
पेररय‍कालापेि
पुदच्
ु चेरी‍– 605014.
e-mail- [email protected]
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