अन्ना के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के अन्न्िम अनशन की ननष्फल समान्ति एक राजनैनिक विकल्प दे ने के विचार के साथ हुई थी। इस.

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अन्ना के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के अन्न्िम अनशन
की ननष्फल समान्ति एक राजनैनिक विकल्प दे ने के विचार के
साथ हुई थी। इस राजनैनिक विकल्प के ललए जनिा से राय मााँगी
गई थी और एक अदृश्य रायशम
ु ारी करिा कर अन्ना की भंग टीम
के सदस्य अरविन्द केजरीिाल ने राजनैनिक हलचल आरम्भ भी
कर दी है । अन्ना आन्दोलन से सम्पूर्ण दे श में भ्रष्टाचार विरोधी
एक माहौल बना था और ककसी भी िरह के आन्दोलनों से विरि
सा रहने िाला आम आदमी भी अपने पूरे जोशोखरोश से सड़कों पर
उिर आया था। सड़क पर बार-बार उिरिे रहने से, आन्दोलनअनशन का कोई सकारात्मक पररर्ाम सामने न आिे दे ख बन्द
कमरों से सड़कों पर उिरा आम आदमी िापस घरों की ओर लौट
गया। मम्
ु बई अनशन की आसफलिा को एकबारगी मौसम की मार,
आर्थणक नगरी, मायानगरी आदद के द्िारा भुलाने का प्रयास ककया
गया ककन्िु न्जस िरह से ददल्ली में जंिर-मंिर पर हमेशा की िरह
जट
ु ने िाली भीड़ गायब रही उसने बार-बार होने िाले अनशन के
और्चत्य पर ही प्रश्नर्चन्ह लगा ददये।



अन्ना आन्दोलन के राजनैनिक रूप धारर् करने का
विचार सामने आिे ही इस आन्दोलन से जुड़े िमाम सारे
लोगों के चेहरों पर एक अजब सी चमक ददखाई दे ने लगी
िो िहीं दस
ु -े बझ
ु े
ू री ओर बहुि से चेहरे ऐसे भी रहे जो बझ
से ददखाई दे ने लगे। एकाएक आन्दोलन को समाति कर दे ने
का विचार और उस पर राजनैनिक दल के रूप में आकर
सरकार से, िमाम सारे राजनैनिक दलों से दो-दो हाथ करने
का विचार बहुि से लोगों की समझ से परे रहा। इन सबके
बीच अन्ना के चन
ु ाि न लड़ने, आन्दोलन को जारी रखने के
बयानों ने भी असमंजस को बढ़ाया िो आन्दोलन के कई
प्रमख
ु सदस्यों द्िारा भी केजरीिाल के हाललया कदमों को
अपना समथणन न दे ने ने भी विभ्रम की न्स्थनि पैदा की।



अब इसे केजरीिाल का राजनैनिक दल कहा जाये अथिा अन्ना का,
इस बाि में िो संशय है ही साथ ही इस राजनैनिक दल की सफलिा पर,
इसके सदस्यों के लोकिान्न्िक रिैये पर भी शक ककया जा रहा है । इस
राजनैनिक स्िरूप के पक्षधर लोगों द्िारा अगले लोकसभा चन
ु ािों में
दे शव्यापी पररििणन की उम्मीद की जा रही है । कााँग्रेस सदहि िमाम सारे
राजनैनिक दलों को भ्रष्टाचार का दलदल बिाकर उन्हें आगामी लोकसभा में
बाहर का रास्िा ददखाने के ललए जेपी का उदाहरर् ददया जा रहा है । यह
समझाया जा रहा है कक न्जस िरह से जयप्रकाश ने कााँग्रेस के विुद्ध,
इन्न्दरा गााँधी के विुद्ध सम्पर्
ू ण दे श में विरोध की लहर फैलाकर उन्हें सत्िा
से बाहर कर ददया था ठीक उसी िरह से केजरीिाल एण्ड कम्पनी का
राजनैनिक दल भी अपना काम करे गा। यहााँ ध्यान रखने योग्य िथ्य यह
है कक जेपी आन्दोलन सत्िा के विरोध में ही था और उनको परू े दे श में
सभी गैर-कााँग्रेलसयों का समथणन प्राति था। इसके ठीक उलट केजरीिाल का
राजनैनिक कदम व्यिस्था पररििणन की बनु नयाद पर खड़ा होकर सम्पर्
ू ण
राजनैनिक दलों के विरोध में है । उनके साथ इस समय न िो कोई बड़ा
दल है और न ही कोई छोटा दल, ऐसे में जेपी की िरह से ककसी व्यापक
पररििणन की उम्मीद करना भी बेमानी होगा।



बहरहाल, इन सब बािों का अब कोई फायदा
नहीं है क्योंकक राजनैनिक दल बनाने का फैसला
ललया जा चक
ु ा है । अब उनके समथणकों से उसके
स्िरूप ननधाणरर् पर, सांगठननक ननमाणर् पर,
राजनैनिक कियाविर्ध पर चचाण की जायेगी पर
िमाम लमलने िाली राय को केजरीिाल एण्ड टीम
द्िारा ककिना महत्ि ददया जािा है, यह िो
भविष्य ही बिायेगा। कुल लमलाकर लसफण इिना
ही कहा जा सकिा है कक भले ही अन्ना ने जंिरमंिर के मंच से अपने माँह
ु से राजनैनिक दल
बनाने की घोषर्ा की हो ककन्िु उनका इस परू ी
प्रकिया से अलग-थलग रहना, कई और महत्िपूर्ण
सदस्यों का इससे अलग रहना भी कई सिाल खड़े
करिा है । दे खना होगा कक केजरीिाल एण्ड टीम
का राजनैनिक ऊाँट ककस करिट बैठिा है ।


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अन्ना के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के अन्न्िम अनशन
की ननष्फल समान्ति एक राजनैनिक विकल्प दे ने के विचार के
साथ हुई थी। इस राजनैनिक विकल्प के ललए जनिा से राय मााँगी
गई थी और एक अदृश्य रायशम
ु ारी करिा कर अन्ना की भंग टीम
के सदस्य अरविन्द केजरीिाल ने राजनैनिक हलचल आरम्भ भी
कर दी है । अन्ना आन्दोलन से सम्पूर्ण दे श में भ्रष्टाचार विरोधी
एक माहौल बना था और ककसी भी िरह के आन्दोलनों से विरि
सा रहने िाला आम आदमी भी अपने पूरे जोशोखरोश से सड़कों पर
उिर आया था। सड़क पर बार-बार उिरिे रहने से, आन्दोलनअनशन का कोई सकारात्मक पररर्ाम सामने न आिे दे ख बन्द
कमरों से सड़कों पर उिरा आम आदमी िापस घरों की ओर लौट
गया। मम्
ु बई अनशन की आसफलिा को एकबारगी मौसम की मार,
आर्थणक नगरी, मायानगरी आदद के द्िारा भुलाने का प्रयास ककया
गया ककन्िु न्जस िरह से ददल्ली में जंिर-मंिर पर हमेशा की िरह
जट
ु ने िाली भीड़ गायब रही उसने बार-बार होने िाले अनशन के
और्चत्य पर ही प्रश्नर्चन्ह लगा ददये।



अन्ना आन्दोलन के राजनैनिक रूप धारर् करने का
विचार सामने आिे ही इस आन्दोलन से जुड़े िमाम सारे
लोगों के चेहरों पर एक अजब सी चमक ददखाई दे ने लगी
िो िहीं दस
ु -े बझ
ु े
ू री ओर बहुि से चेहरे ऐसे भी रहे जो बझ
से ददखाई दे ने लगे। एकाएक आन्दोलन को समाति कर दे ने
का विचार और उस पर राजनैनिक दल के रूप में आकर
सरकार से, िमाम सारे राजनैनिक दलों से दो-दो हाथ करने
का विचार बहुि से लोगों की समझ से परे रहा। इन सबके
बीच अन्ना के चन
ु ाि न लड़ने, आन्दोलन को जारी रखने के
बयानों ने भी असमंजस को बढ़ाया िो आन्दोलन के कई
प्रमख
ु सदस्यों द्िारा भी केजरीिाल के हाललया कदमों को
अपना समथणन न दे ने ने भी विभ्रम की न्स्थनि पैदा की।



अब इसे केजरीिाल का राजनैनिक दल कहा जाये अथिा अन्ना का,
इस बाि में िो संशय है ही साथ ही इस राजनैनिक दल की सफलिा पर,
इसके सदस्यों के लोकिान्न्िक रिैये पर भी शक ककया जा रहा है । इस
राजनैनिक स्िरूप के पक्षधर लोगों द्िारा अगले लोकसभा चन
ु ािों में
दे शव्यापी पररििणन की उम्मीद की जा रही है । कााँग्रेस सदहि िमाम सारे
राजनैनिक दलों को भ्रष्टाचार का दलदल बिाकर उन्हें आगामी लोकसभा में
बाहर का रास्िा ददखाने के ललए जेपी का उदाहरर् ददया जा रहा है । यह
समझाया जा रहा है कक न्जस िरह से जयप्रकाश ने कााँग्रेस के विुद्ध,
इन्न्दरा गााँधी के विुद्ध सम्पर्
ू ण दे श में विरोध की लहर फैलाकर उन्हें सत्िा
से बाहर कर ददया था ठीक उसी िरह से केजरीिाल एण्ड कम्पनी का
राजनैनिक दल भी अपना काम करे गा। यहााँ ध्यान रखने योग्य िथ्य यह
है कक जेपी आन्दोलन सत्िा के विरोध में ही था और उनको परू े दे श में
सभी गैर-कााँग्रेलसयों का समथणन प्राति था। इसके ठीक उलट केजरीिाल का
राजनैनिक कदम व्यिस्था पररििणन की बनु नयाद पर खड़ा होकर सम्पर्
ू ण
राजनैनिक दलों के विरोध में है । उनके साथ इस समय न िो कोई बड़ा
दल है और न ही कोई छोटा दल, ऐसे में जेपी की िरह से ककसी व्यापक
पररििणन की उम्मीद करना भी बेमानी होगा।



बहरहाल, इन सब बािों का अब कोई फायदा
नहीं है क्योंकक राजनैनिक दल बनाने का फैसला
ललया जा चक
ु ा है । अब उनके समथणकों से उसके
स्िरूप ननधाणरर् पर, सांगठननक ननमाणर् पर,
राजनैनिक कियाविर्ध पर चचाण की जायेगी पर
िमाम लमलने िाली राय को केजरीिाल एण्ड टीम
द्िारा ककिना महत्ि ददया जािा है, यह िो
भविष्य ही बिायेगा। कुल लमलाकर लसफण इिना
ही कहा जा सकिा है कक भले ही अन्ना ने जंिरमंिर के मंच से अपने माँह
ु से राजनैनिक दल
बनाने की घोषर्ा की हो ककन्िु उनका इस परू ी
प्रकिया से अलग-थलग रहना, कई और महत्िपूर्ण
सदस्यों का इससे अलग रहना भी कई सिाल खड़े
करिा है । दे खना होगा कक केजरीिाल एण्ड टीम
का राजनैनिक ऊाँट ककस करिट बैठिा है ।


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अन्ना के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के अन्न्िम अनशन
की ननष्फल समान्ति एक राजनैनिक विकल्प दे ने के विचार के
साथ हुई थी। इस राजनैनिक विकल्प के ललए जनिा से राय मााँगी
गई थी और एक अदृश्य रायशम
ु ारी करिा कर अन्ना की भंग टीम
के सदस्य अरविन्द केजरीिाल ने राजनैनिक हलचल आरम्भ भी
कर दी है । अन्ना आन्दोलन से सम्पूर्ण दे श में भ्रष्टाचार विरोधी
एक माहौल बना था और ककसी भी िरह के आन्दोलनों से विरि
सा रहने िाला आम आदमी भी अपने पूरे जोशोखरोश से सड़कों पर
उिर आया था। सड़क पर बार-बार उिरिे रहने से, आन्दोलनअनशन का कोई सकारात्मक पररर्ाम सामने न आिे दे ख बन्द
कमरों से सड़कों पर उिरा आम आदमी िापस घरों की ओर लौट
गया। मम्
ु बई अनशन की आसफलिा को एकबारगी मौसम की मार,
आर्थणक नगरी, मायानगरी आदद के द्िारा भुलाने का प्रयास ककया
गया ककन्िु न्जस िरह से ददल्ली में जंिर-मंिर पर हमेशा की िरह
जट
ु ने िाली भीड़ गायब रही उसने बार-बार होने िाले अनशन के
और्चत्य पर ही प्रश्नर्चन्ह लगा ददये।



अन्ना आन्दोलन के राजनैनिक रूप धारर् करने का
विचार सामने आिे ही इस आन्दोलन से जुड़े िमाम सारे
लोगों के चेहरों पर एक अजब सी चमक ददखाई दे ने लगी
िो िहीं दस
ु -े बझ
ु े
ू री ओर बहुि से चेहरे ऐसे भी रहे जो बझ
से ददखाई दे ने लगे। एकाएक आन्दोलन को समाति कर दे ने
का विचार और उस पर राजनैनिक दल के रूप में आकर
सरकार से, िमाम सारे राजनैनिक दलों से दो-दो हाथ करने
का विचार बहुि से लोगों की समझ से परे रहा। इन सबके
बीच अन्ना के चन
ु ाि न लड़ने, आन्दोलन को जारी रखने के
बयानों ने भी असमंजस को बढ़ाया िो आन्दोलन के कई
प्रमख
ु सदस्यों द्िारा भी केजरीिाल के हाललया कदमों को
अपना समथणन न दे ने ने भी विभ्रम की न्स्थनि पैदा की।



अब इसे केजरीिाल का राजनैनिक दल कहा जाये अथिा अन्ना का,
इस बाि में िो संशय है ही साथ ही इस राजनैनिक दल की सफलिा पर,
इसके सदस्यों के लोकिान्न्िक रिैये पर भी शक ककया जा रहा है । इस
राजनैनिक स्िरूप के पक्षधर लोगों द्िारा अगले लोकसभा चन
ु ािों में
दे शव्यापी पररििणन की उम्मीद की जा रही है । कााँग्रेस सदहि िमाम सारे
राजनैनिक दलों को भ्रष्टाचार का दलदल बिाकर उन्हें आगामी लोकसभा में
बाहर का रास्िा ददखाने के ललए जेपी का उदाहरर् ददया जा रहा है । यह
समझाया जा रहा है कक न्जस िरह से जयप्रकाश ने कााँग्रेस के विुद्ध,
इन्न्दरा गााँधी के विुद्ध सम्पर्
ू ण दे श में विरोध की लहर फैलाकर उन्हें सत्िा
से बाहर कर ददया था ठीक उसी िरह से केजरीिाल एण्ड कम्पनी का
राजनैनिक दल भी अपना काम करे गा। यहााँ ध्यान रखने योग्य िथ्य यह
है कक जेपी आन्दोलन सत्िा के विरोध में ही था और उनको परू े दे श में
सभी गैर-कााँग्रेलसयों का समथणन प्राति था। इसके ठीक उलट केजरीिाल का
राजनैनिक कदम व्यिस्था पररििणन की बनु नयाद पर खड़ा होकर सम्पर्
ू ण
राजनैनिक दलों के विरोध में है । उनके साथ इस समय न िो कोई बड़ा
दल है और न ही कोई छोटा दल, ऐसे में जेपी की िरह से ककसी व्यापक
पररििणन की उम्मीद करना भी बेमानी होगा।



बहरहाल, इन सब बािों का अब कोई फायदा
नहीं है क्योंकक राजनैनिक दल बनाने का फैसला
ललया जा चक
ु ा है । अब उनके समथणकों से उसके
स्िरूप ननधाणरर् पर, सांगठननक ननमाणर् पर,
राजनैनिक कियाविर्ध पर चचाण की जायेगी पर
िमाम लमलने िाली राय को केजरीिाल एण्ड टीम
द्िारा ककिना महत्ि ददया जािा है, यह िो
भविष्य ही बिायेगा। कुल लमलाकर लसफण इिना
ही कहा जा सकिा है कक भले ही अन्ना ने जंिरमंिर के मंच से अपने माँह
ु से राजनैनिक दल
बनाने की घोषर्ा की हो ककन्िु उनका इस परू ी
प्रकिया से अलग-थलग रहना, कई और महत्िपूर्ण
सदस्यों का इससे अलग रहना भी कई सिाल खड़े
करिा है । दे खना होगा कक केजरीिाल एण्ड टीम
का राजनैनिक ऊाँट ककस करिट बैठिा है ।


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अन्ना के भ्रष्टाचार-विरोधी आन्दोलन के अन्न्िम अनशन
की ननष्फल समान्ति एक राजनैनिक विकल्प दे ने के विचार के
साथ हुई थी। इस राजनैनिक विकल्प के ललए जनिा से राय मााँगी
गई थी और एक अदृश्य रायशम
ु ारी करिा कर अन्ना की भंग टीम
के सदस्य अरविन्द केजरीिाल ने राजनैनिक हलचल आरम्भ भी
कर दी है । अन्ना आन्दोलन से सम्पूर्ण दे श में भ्रष्टाचार विरोधी
एक माहौल बना था और ककसी भी िरह के आन्दोलनों से विरि
सा रहने िाला आम आदमी भी अपने पूरे जोशोखरोश से सड़कों पर
उिर आया था। सड़क पर बार-बार उिरिे रहने से, आन्दोलनअनशन का कोई सकारात्मक पररर्ाम सामने न आिे दे ख बन्द
कमरों से सड़कों पर उिरा आम आदमी िापस घरों की ओर लौट
गया। मम्
ु बई अनशन की आसफलिा को एकबारगी मौसम की मार,
आर्थणक नगरी, मायानगरी आदद के द्िारा भुलाने का प्रयास ककया
गया ककन्िु न्जस िरह से ददल्ली में जंिर-मंिर पर हमेशा की िरह
जट
ु ने िाली भीड़ गायब रही उसने बार-बार होने िाले अनशन के
और्चत्य पर ही प्रश्नर्चन्ह लगा ददये।



अन्ना आन्दोलन के राजनैनिक रूप धारर् करने का
विचार सामने आिे ही इस आन्दोलन से जुड़े िमाम सारे
लोगों के चेहरों पर एक अजब सी चमक ददखाई दे ने लगी
िो िहीं दस
ु -े बझ
ु े
ू री ओर बहुि से चेहरे ऐसे भी रहे जो बझ
से ददखाई दे ने लगे। एकाएक आन्दोलन को समाति कर दे ने
का विचार और उस पर राजनैनिक दल के रूप में आकर
सरकार से, िमाम सारे राजनैनिक दलों से दो-दो हाथ करने
का विचार बहुि से लोगों की समझ से परे रहा। इन सबके
बीच अन्ना के चन
ु ाि न लड़ने, आन्दोलन को जारी रखने के
बयानों ने भी असमंजस को बढ़ाया िो आन्दोलन के कई
प्रमख
ु सदस्यों द्िारा भी केजरीिाल के हाललया कदमों को
अपना समथणन न दे ने ने भी विभ्रम की न्स्थनि पैदा की।



अब इसे केजरीिाल का राजनैनिक दल कहा जाये अथिा अन्ना का,
इस बाि में िो संशय है ही साथ ही इस राजनैनिक दल की सफलिा पर,
इसके सदस्यों के लोकिान्न्िक रिैये पर भी शक ककया जा रहा है । इस
राजनैनिक स्िरूप के पक्षधर लोगों द्िारा अगले लोकसभा चन
ु ािों में
दे शव्यापी पररििणन की उम्मीद की जा रही है । कााँग्रेस सदहि िमाम सारे
राजनैनिक दलों को भ्रष्टाचार का दलदल बिाकर उन्हें आगामी लोकसभा में
बाहर का रास्िा ददखाने के ललए जेपी का उदाहरर् ददया जा रहा है । यह
समझाया जा रहा है कक न्जस िरह से जयप्रकाश ने कााँग्रेस के विुद्ध,
इन्न्दरा गााँधी के विुद्ध सम्पर्
ू ण दे श में विरोध की लहर फैलाकर उन्हें सत्िा
से बाहर कर ददया था ठीक उसी िरह से केजरीिाल एण्ड कम्पनी का
राजनैनिक दल भी अपना काम करे गा। यहााँ ध्यान रखने योग्य िथ्य यह
है कक जेपी आन्दोलन सत्िा के विरोध में ही था और उनको परू े दे श में
सभी गैर-कााँग्रेलसयों का समथणन प्राति था। इसके ठीक उलट केजरीिाल का
राजनैनिक कदम व्यिस्था पररििणन की बनु नयाद पर खड़ा होकर सम्पर्
ू ण
राजनैनिक दलों के विरोध में है । उनके साथ इस समय न िो कोई बड़ा
दल है और न ही कोई छोटा दल, ऐसे में जेपी की िरह से ककसी व्यापक
पररििणन की उम्मीद करना भी बेमानी होगा।



बहरहाल, इन सब बािों का अब कोई फायदा
नहीं है क्योंकक राजनैनिक दल बनाने का फैसला
ललया जा चक
ु ा है । अब उनके समथणकों से उसके
स्िरूप ननधाणरर् पर, सांगठननक ननमाणर् पर,
राजनैनिक कियाविर्ध पर चचाण की जायेगी पर
िमाम लमलने िाली राय को केजरीिाल एण्ड टीम
द्िारा ककिना महत्ि ददया जािा है, यह िो
भविष्य ही बिायेगा। कुल लमलाकर लसफण इिना
ही कहा जा सकिा है कक भले ही अन्ना ने जंिरमंिर के मंच से अपने माँह
ु से राजनैनिक दल
बनाने की घोषर्ा की हो ककन्िु उनका इस परू ी
प्रकिया से अलग-थलग रहना, कई और महत्िपूर्ण
सदस्यों का इससे अलग रहना भी कई सिाल खड़े
करिा है । दे खना होगा कक केजरीिाल एण्ड टीम
का राजनैनिक ऊाँट ककस करिट बैठिा है ।