उपविषय : बालगोबिन भगत

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Transcript उपविषय : बालगोबिन भगत

पाठ योजना
विषय : हिन्दी
1 कक्षा- कक्ष मे छात्रों को गद्य विधा से अिगत
करिाना |
2 छात्रों को साहित्य की विधा ‘ रे खा चित्र ’ से
अिगत करिाना |
3 छात्रों को गद्य में बौविक तत्ि से अिगत
करिाना|
4 छात्रों में भाषा अभभव्यक्तत कौशल की संिवृ ि
करना |
5 छात्रों के शब्द कोश में िवृ ि करना |
1 िेश – भष
ू ा या बाह्य अनष्ु ठानों से कोई साधु निीं
किलाता|
2 साधु की आधार शीला बाह्य आडंबर न िोकर
मानिीय सरोकार िोते िैं |
3 रे खा चित्र मे सामाक्जक रूहियों एिं बाह्य आडंबरों पर
कड़ा प्रिार ककया गया िै |
4 प्रदत्त ‘ रे खाचित्र ’ में बलगोबबन भगत के माध्यम
से ग्रामीण जीिन की सजीि झांकी भमलती िै |
5 छात्रों को जीिन मे ‘िररत्र ननमााण’ के भलए बाल
गोविन भगत के आदशा व्यक्ततत्ि से अिगत करिाना |
रामिक्ष
ृ बेनीपरु ी का जीिन एिं कृनतत्ि :
रामिक्ष
बेनीपुरी का जन्म बबिार के
ृ
मुजफ्फरपुर क्जले के बेनीपुरी गााँि में सन ् 1899
में िुआ | आरं भभक जीिन अभािों में व्यतीत
िुआ| दसिीं तक की भशक्षा प्राक्तत के उपरांत
सन ् 1920 मे राष्रीय स्िाधीनता आंदोलन से
सकिय रूप से जुड़ गए| कई बार जेल भी गए|
सन ् 1968 मे उनका दे िािसान िो गया |
रामिक्ष
बेनीपरु ी जी ने गद्य की विभभन्न
ृ
विधाओं मे रिना करके हिन्दी साहित्य भंडार
को समि
ृ ककया िै | इनकी प्रमुख रिनाएाँ िैं:
 ‘पनततों के दे श मे’ ( उपन्यास), ‘चिता के
फूल’, (किानी), माटी की मूरतें ( रे खाचित्र), ‘पैरों
में पंख बांधकर’ ( यात्रा- ित्ृ तान्त), ‘जंजीरे और
दीिारें ’ ( संस्मरण) इत्याहद|
बाल गोबबन भगत का छाया चित्र
प्रसंग:
प्रस्तत
गद्यांश िमारी पाठ्य पस्
ु
ु तक ‘क्षक्षनतज भाग-2’
रामिक्ष
ृ बेनीपरु ी कृत रिना (रे खाचित्र) बालगोबबन भगत में से भलया गया
िै | बेनीपुरी के अनुसार सच्िा साधु आडंबरवििीन तथा मानिीय सरोकारों
से सम्बि िोता िै |
समि
ू -3
 बालगोबबन अपनी कमर
में तया बांधते थे ?
 बालगोबबन का िेिरा
ककस िीज़ से िमकता
था?
 ‘खामखाि’ शब्द का
समानाथी भलखो
 बालगोबबन कैसे साधु
थे ?
समि
ू -4
• बालगोबबन अपने भसर पर
लाद कर ‘मठ’ को तया
ले जाते थे ?
• ‘सािब’ का दरबार से
तया अभभप्राय िै ?
• उनका पिनािा कैसा था?
• कुतूिल शब्द का
समानाथी भलखो ?
गि
ृ काया
1 बालगोबबन भगत की िाररबत्रक विशेषताएं भलखखए?
2 बालगोबबन अपनी सब िीज़ों को ककसका प्रसाद मानते
थे?
3 बालगोबबन का जीिन ककन आदशों से जड़
ु ा था ?
4 “न ककसी से खामखाि झगड़ा मोल लेते” इस िातय में से
किया विशेषण छांटकर भलखखए?
5 मकान, औरत, मठ का समानाथी भलखखए?
प्रश्नकोश
(क) ज्ञानात्मक/ प्रत्यास्मरणात्मक स्तर
1
2
3
4
5
‘बालगोबबन भगत’ रे खाचित्र के लेखक कौन िैं ?
बालगोबबन भगत के ‘सािब’ कौन िैं ?
बेनीपरु ी ककस राज्य के ननिासी थे ?
बेनीपरु ी का जन्म तथा मत्ृ यु कब िुई ?
रामिक्ष
ृ बेनीपुरी ने राष्रीय स्ितन्त्रता आंदोलन में
कब भाग भलया?
(ख) अिबोधात्मक स्तर:
1 भगत की पुत्रिधू उन्िें अकेले तयों निीं छोडना िािती
थी?
2 भगत ने अपने बेटे की मत्ृ यु पर अपनी भािनाएाँ कैसे
व्यतत की?
3 बालगोबबन भगत की हदनियाा लोगों के आश्िया का
कारण तयों थी?
4 बालगोबबन भगत को गि
ृ स्थ िोते िुए भी साधु तयों किा
गया?
5 मठ भगत की फसलों का तया करता था?
(ग) अनुप्रयोगात्मक स्तर:
1 - आसाड,मस
ु लधार,फागन
ु ,मह
ु ब्बत शब्दों
के शुद्ध रूप ललखिए ?
2 - ‘वह जब-जब सामने आता’ वाक्य में कौन सा क्रियाववशेषण है ?
3 - ‘बालगोववन एेत में कड़ी मेहनत करता था’ वाक्य में कौन
सा क्रिया है ?
4 - बालगोववन भक्त गोरा-चिट्टा आदमी था’ इस वाक्य में
ववशेषण बताइ ?
5 - कुहासा,संबल,मँझोला, शब्दों के अथथ ललएो ? के अथथ ललखिए ?
(1) आपकी दृक्ष्ट में भगत की कबीर पर अगाध श्रिा
के तया कारण रिे िोंगे |
(2) गााँि का सामाक्जक- सांस्कृनतक पररिेश ‘आषाि’
ििते िी उल्लास से तयों भर जाता िै ?
(3) मोि और प्रेम में तया अंतर िै ?
(4) भगत के जीिन की ककस घटना के आधार पर इस
कथन का सि भसि करें गे?
(5) बालगोबबन भगत प्रिभलत सामाक्जक मान्यताओं को
निीं मानते थे, विश्लेषण कीक्जये?
(ड़॰) संश्लेषणात्मक स्तर:
(1) खेतीबारी से जुड़े गि
ृ स्थ
बालगोबबन भगत अपनी
ककन विशेषताओं के कारण
साधु किलाते थे?
(2) धान की रोपाई के समि
ू े
मािौल को भगत की स्िर
लिररयों ककस तरि
अभभभूत ( िमत्कृत) कर
दे ती थी ?
(ि) मल्
ू यांकन स्तर
(1) पुत्र की मत्ृ यु के उपरांत अपनी बिू को मायके जाने तथा दस
ू री
शादी करने के भलए बालगोबबन भगत तयों किते िैं?
(2) “ ऊपर की तस्िीर से यि निीं माना जाए कक बालगोबबन
भगत साधू थे” तया ‘साध’ु की पििान पिनािे के आधार पर की
जानी िाहिए? मल्
ू यांकन कीक्जये |
(3) भगत अपने बेटे की मत्ृ यु पर अपनी भािनाएाँ ककस प्रकार व्यतत
करते िैं ?
(4) “ उस हदन भी संध्या में गीत गाए, ककन्तु मालम
ू िोता जैसे
तागा ( धागा ) टूट गया िो माला का एक -एक दाना बबखरा िुआ |
बालगोबबन भगत निीं रिे परं तु उनका भसफा पंजर पड़ा था” पंक्ततयों
का मल्
ू यांकन कीक्जये |
सज
ृ नात्मक स्तर:
 1 - अपने-आसपड़ोस रहने वाले क्रकसी साधु/सन्यासी के




जीवन पर दस पंक्क्तयाँ ललखिए ?
2- वविम संवत कलैंडर के अनुसार महीनों की सूिी
तैयार करो?
3- संत कबीर के जीवन पर दस पंक्क्तयाँ ललखिए ?
4- इस पाठ में ग्राम्य संस्कृतत की झलक लमलती है |
आप के गांव से कौन-कौन सी बातों में समानता है |
5- प्रभाती प्रात:काल गा जानेवाले गीतों को कहते हैं
प्रभाती गीतों का संकलन कीक्ज |
प्रस्तत
ु कत्ताा
(1) डा0 रिीन्र भसंि िंबयाल प्राध्यापक हिन्दी एिं राज्य स्रोत
व्यक्तत
राजकीय िररष्ठ माध्यभमक पाठशाला, जोल-सतपड़ क्जला- िमीरपरु
( हिमािल प्रदे श)
(2) डा0 रत्न िंद राणा
प्राध्यापक हिन्दी एिं राज्य स्रोत व्यक्तत
राजकीय िररष्ठ माध्यभमक पाठशाला, बलडूिक क्जला िमीरपुर (
हिमािल प्रदे श )