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टिप्पणी लेखन
सरकारी/कार्ाालर्ीन पद्धति में टिप्पणी लेखन
का
स्थान
कार्ाालर् में प्राप्ि पत्र - केंद्रीय रजिस्ट्री- आवती लिपिक द्वारा
छँ टाई – पवलिन्न अनुिागों में पवतरण- अनि
ु ाग अधिकारी को
प्रस्ट्ततु त – महत्विण
ू ण आवततयों को उच्चाधिकारी के समक्ष डाक
स्ट्तर िर िेिना – कायण करने के बारे में आवश्यक आदे श/ अनद
ु ेश
प्राप्त करना – नेमी आवततयों िर अनि
ु ाग के संबधं ित सहायक /
कमणचारी द्वारा प्राथलमकता के आिार िर कारण वाई
डाकैि की प्रक्रिर्ा -फाइि में ित्र व्यवहार (आवती या तनगणम)
प्रत्येक मद की िहचान के लिए उसे दी गई क्रम संख्या के बारे में
फाइि के टटप्िण या ित्राचार िाग में प्रपवजटटय ं करने से है ।
फाइल के भाग
फाइल के दो िाग –
1. टटप्िणी िाग- टटप्िणी का िररलशटट
2. ित्राचार िाग - ित्राचार का िररलशटट
टिप्पणी भाग – ककसी मामिे या पवचारािीन कागि ित्र के संबंि में टटप्िणणयाँ
प्राप्त ित्र की क्रम संख्या(िाि स्ट्याही से)
(आवती/प्रेषण/तनगणम/िटृ ठ/ ित्राचार )
पत्राचार भाग – आवततयां/ उनसे संबंधित ित्राचार की कायाणिय प्रततयां रखी
िाती हैं
प्राप्त ित्र की क्रम संख्या(िाि स्ट्याही से)
(आवती/प्रेषण/तनगणम/िटृ ठ/ ित्राचार )
टिप्पणी का प्रस्िुिीकरण
टिप्पणी का प्रस्िि
ु ीकरण दो स्िर पर 1. सहायक/लिपिक के स्ट्तर िर
2. अधिकारी के स्ट्तर िर
सहार्क/ललपपक के स्िर पर – पिछिे कागि ित्रों का सार,
पवचारािीन मामिों का पववरण, कारण वाई के सुझाव, अंततम
आदे श
अधधकारी के स्िर पर:- नेमी टटप्िणणयां– नेमी टटप्िणणयों का
आशय फाइि से बाहर ित्र िर ररकाडण की गई अस्ट्थाई अथवा
कम महत्व की टटप्िणी से है ।
नेमी टटप्िणणयों का तनिटान- अधिकारी स्ट्तर िर शेष मामिे
उच्चाधिकारी अवर सधचव / तनदे शक आटद के िरामशण हे तु िेिे
िाते हैं।
टिप्पणी लेखन का प्रर्ोजन
कारण वाई की टदशा स्ट्िटट करना
िूवण तनणणय उििब्ि कराना
अधिकारी को कारण वाई के लिए टदशा-तनदे श उििब्ि कराना
पवलिन्न मामिों में संक्षक्षप्त टटप्िणी के साथ उत्तर का मसौदा
अनुमोदनाथण प्रस्ट्तुत करना
5. पवलिन्न मामिों में टटप्िणी में जस्ट्थतत अस्ट्िटट होने िर
मागणदशणन हे तु प्रस्ट्तुत करना, अधिकारी को आवश्यक सझ
ु ाव
दे ना, उच्चाधिकारी को प्रस्ट्तत
ु करना, िो मामिे उि सधचव,
संयक्
ु त सधचव एवं सधचव के अधिकारों की सीमा से बाहर हों
मंत्री महोदय को टदशा-तनदे श हे तु प्रस्ट्तुत करना।
1.
2.
3.
4.
िेखन हे तु सामान्य टहदायतें
1. टटप्िणी में सिी तथ्य सही हों
2. कोई िी तथ्य गित होने िर संयत िाषा में ध्यान टदिाना
3. पवषय से संबधं ित कानन
ू और तनयमों की िानकारी
उििब्ि कराना
4. पवषय/मामिे से संबंधित िूवण में लिए गए तनणणयों के
दृटटांत प्रस्ट्तुत करना
5. तनणणय लिए िाने वािे मामिे का स्ट्िटट उल्िेख करना
6. पवषय/ मामिे के संबंि में अधिकारी को सझ
ु ाव दे ना
मागादर्ाक लसद्धाांि
1. संक्षक्षप्त – पवषय संगत, िंबी होने िर- अंत में सार का संक्षक्षप्त
अनच्
ु छे द, अनच्
ु छे दों में क्रम संख्या
2. पवचारिीन कागि या नई आवती – ककसी मामिे में बाद में प्राप्त
होने वािी ककसी िी ऐसी आवती से है जिससे पवचारािीन कागि के
तनिटाने में सहायताथण अततररक्त िानकारी लमिती हो। नई आवती
या टटप्िणी िाग को कािी न करके उसका सार दे ने का प्रयत्न करें ।
3. आदे श या सझ
ु ाव दे ते समय अधिकारी अिनी टटप्िणणयों में
पिछिी टटप्िणणयों का उल्िेख पवस्ट्तार से न करें , वास्ट्तपवक मद्
ु दों
तक सीलमत रहें । िूवण टटप्िणी से सहमत हैं तो केवि हस्ट्ताक्षर करें ।
4. अगर क्रलमक सार उििब्ि है तो उियुक्त अंश का हवािा दें , सार
को न दोहराएं।
5. अगर क्रलमक सार उििब्ि नहीं है या पिछिी टटप्िणी इस काम
को िरू ा नहीं करती तो मामिे का स्ट्वत: िण
ू ण सार प्रस्ट्तत
ु करें । तथ्य
संक्षेि में ककन्तु स्ट्िटट हों ।
6. ककसी मामिे िर िि
ू /गित बयानी/ मत की आिोचना
करनी हो तो अलिमत नम्र िाषा /संयत िाषा में , व्यजक्तगत
आक्षेि रटहत हो।
7. पवचारािीन कागि ित्रों में एक से अधिक मद्
ु दे हों तो
ं प्रत्येक मद्
प्रत्येक की पवस्ट्तत
ु दे िर अिग-अिग
ृ ि चटटप्िणी प्रस्ट्तत
ु करें ।
8.टटप्िणी आदशण नोटशीट िर लिखें – काट-छाँट नहीं,
फ्ियूड का प्रयोग नहीं नीचे ऊिर हालशया छोड़ा िाए , नोट
शीट िर संख्या अवश्य लिखें ।
9. उच्च अधिकाररयों द्वारा मौणखक आदे श की िजु टट
पवलिन्न मामिों में कारण वाई हे तु िररजस्ट्थततवश लिणखत
अनुदेश न होने िर या मौणखक आदे श िर कारण वाई हो तो बाद
में लिणखत में (मंत्री महोदय के स्ट्टाफ आटद से ) उसकी
िुजटट करा िेनी चाटहए।
स्ट्थाई तनदे श फाइि – एक अनि
ु ाग –कई पवषय
आकार या संरचना की दृजटट से
प्रशासतनक (नेमी टटप्िणणयां)- 1. आदे शात्मक- आदे श -सच
ू ना(एक या दो
वाक्य)
व्याख्यात्मक- स्ट्वत: िूणण टटप्िणी- अधिकारी स्ट्तर, सहायक स्ट्तर
िररजस्ट्थतत एवं आवश्यकता से उत्िन्न – दोनों का स्ट्वरूि समान है ।
प्रारूि – संख्या – कायाणिय, पविाग का नाम – टदनांक-पवषय- किेवर-दाईं
ओर अधिकारी के अद्याक्षर- बाईं और उच्च अधिकारी को प्रस्ट्तत
ु अधिकारी की सहमतत िर दाईं ओर हस्ट्ताक्षर
आवती िर आिाररत- सहायक स्ट्तर िर
उद्दे श्य – अतिकारी को कारण वाई के संबंि में बताना
टटप्िणी के ि चं चरण 1. प्रेषक की मांग
- पवषय
2. मांग का कारण
- कारण
3. तनयमों की जस्ट्थतत - तनयम
4. मांग का औधचत्य
- कायाणिय में कायण की जस्ट्थतत
5. सझ
-कायण ककया िा सकता है या नहीं
ु ाव
अांिरपिभागीर् टिप्पणी
अंतरपविागीय टटप्िणी का प्रयोग आमतौर िर ककसी प्रस्ट्ताव िर अन्य
पविागों की सिाह, पवचार, सहमतत अथवा टटप्िणणय ं प्राि ्त करने अथवा मौिूदा
तनयमों, अनुदेशों आटद के बारे में स्ट्िटटीकरण कराने के लिए ककया िाता है । इसका
प्रयोग पविाग द्वारा अिने संबद्ि तथा अिीनस्ट्थ कायाणिय आटद के साथ िरामशण
करने और इसी प्रकार पविाग के संबद्ि यथा अिीनस्ट्थ कायाणियों द्वारा पविाग के
साथ िरामशण करने के लिए िी ककया िा सकता है ।
(ख)
अंतरपविागीय टटप्िणी अन्य पविागों को िेिी गई फाइि िर ही नोट
लिखकर िेिी िाती है अथवा एक स्ट्वतंत्र स्ट्वत: िूणण टटप्िणी के रूि में हो सकती है ।
फाइि िर अलिलिणखत (recorded) टटप्िणी के नोट करने की अवधि का उल्िेख
करने की आवश्यकता नहीं होती।
प्रारूि: अंतरपवणिागीय टटप्िणी में सबसे ऊिर मध्य में मंत्रािय/पविाग का नाम लिखा
िाता है । इसके बाद दाईं तरफ पविाग का िता लिखा िाता है िेककन तारीख नहीं
लिखी िाती। इसके बाद पवषय लिखते हैं। पवषय के िश्चात ् टटप्िणी का किेवर होता
है । इसके िश्चात ् दाईं तरफ िेिने वािे अधिकारी के हस्ट्ताक्षर नाम, िदनाम व दरू िाष
लिखा िाता है । जिस मंत्रािय या पविाग को अंतरपविागीय टटप्िणी िेिी िानी है,
उस मंत्रािय/पविाग के अधिकारी का िदनाम िता बाईं तरफ लिखकर एक िंजक्त खींच
दी िाती है । िश्चात ् िंजक्त के नीचे बाईं तरफ जिस मंत्रािय अथवा पविाग की ओर से
अंतरपविागीय टटि ्िणी लिखी िा रही है उस मंत्रािय/पविाग का नाम, अंतरपविागीय
टटप्िणी संख्या लिखकर आगे टदनांक लिखते हैं।
उद्दे श्र्:
पिर्ेषिाएां
इसमें संबोिन या अिोिेख का प्रयोग नहीं ककया िाता।
नीचे हस्ट्ताक्षर करने के बाद अधिकारी का िदनाम एवं टे िीफोन नंबर
लिखा िाता है । जिस मंत्रािय/पविाग को अंतरपविागीय टटप्िणी िेिी
िाती है संबधं ित अधिकारी का िदनाम, पविाग का नाम, िता आटद नीचे
बाईं ओर लिखा िाता है ।
उसके नीचे िंबी रे खा खींच कर टटप्िणी िेिने वािे मंत्रािय की अं0पव0
टटप्िणी संख्या और टदनांक लिखते हैं।
यटद ककसी पवषय िर सहमतत/सिाह/स्ट्िटटीकरण िेना हो तो ऐसी जस्ट्थतत
में अंतरपविागीय टटप्िणी लमलसि िर न लिखकर अिग लमलसि िर
अंतरपविागीय टटप्िणी िेिी िाती है ।
भाषा
अंतरपविागीय टटप्िणी कायाणियीन पवशेषताओं के साथ-साथ अन्य िुरूष
में लिखी िाती हैं।
इसमें आदे शात्मक/आज्ञात्मक िाषा का प्रयोग नहीं ककया िाता।
इसमें आिसे अनुरोि है , तनवेदन है , स्ट्िटट करें , कृिा करें आटद वाक्य
संरचना का प्रयोग ककया िाता है ।
प्रेस पिज्ञप्प्ि एिां प्रेस टिप्पणी
उद्दे श्य– सरकार के कायणकिािों और नीततयों की व्यािक िानकारी
िन सामान्यको दे ने के लिए प्रेस पवज्ञाजप्त और प्रेस टटप्िणी का
प्रयोग ककया िाता है ।
िररचय: कई सरकारी सच
ू नाओं, कायणकिािों और नीततयों की व्यािक
िानकारी िन सामान्य को दे ने हे तु समाचार ित्रों में प्रकालशत करवाई
िाती है उसके लिए प्रेस पवज्ञजप्त व प्रेस टटप्िणी का सहारा लिया
िाता है ।
प्रेस पवज्ञजप्त- अंतरराटरीय समझौतों, िरीक्षा िररणामों, िदों को िरने
हे तु पवज्ञािन आटद का प्रकाशन समाचार ित्रों में प्रेस पवज्ञजप्त
औिचाररक होती है और यह अिेक्षा की िाती है कक वह समाचार ित्रों
द्वारा ज्यों की त्यों छािी िाएगी। समाचार ित्र के संिादक को इसमें
काट-छ टं वाक्य िररवतणन या कुछ अततररक्त िोड़ने या कम करने का
अधिकार नहीं होता। प्रेस पवज्ञजप्त में यह िी संकेत होता है कक इसे
ककस तारीख को ककतने बिे के िव
ू ण प्रकालशत न ककया िाए। इसका िो
तनिाणररत शल्
ु क होता है उसका िग
ु तान िी प्रेस पवज्ञजप्त प्रकालशत
कराने वािे द्वारा दे य होता है ।
प्रेस टटप्िणी
प्रेस टटप्िणी िन सामान्य की सच
ू ना हे तु
समाचार ित्रों में प्रकालशत की िाती है । यह
औिचाररक नहीं होती। संिादक अिनी
सपु विानस
ु ार इसको संिाटदत कर सकता है
अथाणत इसके आकार को छोटा या बड़ा कर सकता
है तथा वाक्य संरचना को बदि सकता है ।
संिादन करते समय इस बात का िरू ा ध्यान रखा
िाता है कक टटप्िणी का आशय ततरोटहत न हो
िाए। इसका उद्दे श्य केवि सच
ू ना को प्रकालशत
करना होता है । प्रेस टटप्िणी के प्रकाशन की कोई
समय-सीमा तनिाणररत नहीं होती।