Transcript Murli Chart
Murli Chart
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
❍ 28 / 04 / 16 क
मरल
ु से चाट ❍
⇚
⇛ TOTAL MARKS:- 100 ⇚
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
:✺ शवभगवानवाच
ु
➳ _ ➳ रोज रात को सोने से पहले बापदादा को पोतामेल सची दल का दे दया
तो धरमराजपर
ु म जाने क! आव#यकता नहं पड़ेगी।
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
∫∫ 1 ∫∫ होमवक' (Marks: 3*5=15)
‖✓‖ मख
ु से सदै व °6ान रतन° 7नकालते रहे ?
‖✓‖ 9ीमत पर बहत
ु बहत
ु °न:° बनकर रहे ?
‖✓‖ °काम महाश;°ु से हार तो नहं खायी ?
────────────────────────
∫∫ 2 ∫∫ <वशेष अ?यास (Marks:2*10=20)
‖✓‖ "°7नराकार सो साकार° - इस मD; क! Eम7त
ृ से सेवा का पाट' बजाया ?
‖✓‖ °साHी° बन हर खेल को दे खा ?
────────────────────────
∫∫ 3 ∫∫ <वशेष पIषाथ'
(Marks: 15)
ु
एक घंटा अ7तNरOत °योग + मनसा सेवा° क!
‖✓‖ आज बाक! दनK के मकाबले
ु
?
Page 1
?
Murli Chart
‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧ ‧‧‧‧‧
To Read Vishesh Purusharth In Detail, Press The Following Link:-
✺ HTML Format:➳ _ ➳ http://bkdrluhar.com/00-Murli/00-Hindi/Htm-Vishesh%
20Purusharth/28.04.16-VisheshPurusharth.htm
✺ PDF Format:➳ _ ➳ http://www.bkdrluhar.com/00-Murli/00-Hindi/Pdf-Vishesh%
20Purusharth/28.04.16-VisheshPurusharth.pdf
────────────────────────
∫∫ 4 ∫∫ Eवमान का अ?यास (Marks:-10)
➢➢ मr sहानी सेवाधार आtमा हँू ।
✺ आज का योगा?यास / wढ़ संकyप :➳ _ ➳ योगयOत
िEत{थ म बैठ जाएँ... मन को श}ध
संकyपK म िEतथ
ु
ु
कर... मr #वेत वE;धार माEटर <व#वकyयाणकार शHक हँू ... परमाtमा पालना
को Eवयं म भरकर औरK को बाप समान बनाने वाल दय आtमा हँू ... मr
ई#वरय शHा }वारा काँटK को फल
को दे वता, बDदर से मिDदर लायक
ू , मनयK
ु
बनाने वाल माEटर टचर हँू ... मेरे चारK ओर मेरा अनसरण
करने वाले कई
ु
लोग मेरे माग' दश'न का इं तज़ार कर रह हr ... मr आtमा #वेत वE; धारण कर
अपने गDतय क! ओर जा रहं हँू ... मेरा दय चलन, शांत और गंभीर Eवभाव
ई#वरय सेवा म 7नम है ... मेरा सहज जीवन और मधरु बोल कई आtमाओं
को ेNरत कर रह हr ... मr आtमा यह wढ़ संकyप लेती हँू क जैसे बाप 7नराकार
सो आकार बन सेवा का पाट' बजाते हr उसी कार मr उनक! बची भी इस मD;
का यD; Eम7त
ृ म रख Dयारा बनकर सेवा का पाट' बजाने म 7नम आtमा
Page 2
Murli Chart
का यD; Eम7त
ृ म रख Dयारा बनकर सेवा का पाट' बजाने म 7नम आtमा
बनँूगी... मr आtमा सदा इस Eम7त
ृ से Dयार बनकर पाट' बजाऊंगी क यह
साकार sपी Eटे ज आधार है और मr पाट' धार आtमा आधारमत'
ू हँू , मालक हँू ...
यह संकyप कर मr आtमा यह अनभव
कर रहं हँू क मr सेDस के साथ - साथ
ु
इससफल
ु और Iहानी सेवाधार बन रहं हँू ।
────────────────────────
∫∫ 5 ∫∫ सार - 6ान मंथन (Marks:-10)
फल
➢➢ "मीठे बचK - तह
ु
ू बन सबको सख
ु दे ना है , फल
ू बचे मख
ु से सदै व
रtन ह 7नकालगे "
यारा बाबा कहे - मेरे मीठे बचK मै फलो
का बागवान <पता तम
ू
ु बचK
को काँटK से फल
क! खशयां
खलाने आया हँू तम
ू बनाने आया हँू ... सखो
ु
ु
ु बचे
भी यह सख
हवाओ म फैलाओ... अपने मीठे पन से सबके अंतम'न
ु भर खशयां
ु
सOत कर आओ...
❉
मीठा बाबा कहे - मेरे यारे बचK मेरे खशबदार
फल
ु ू
ू हो तो इस जहाँ म
अपनी मीठ सगDध
को लहराओ... सखदायी
<पता के बचे हो सबक! झोल
ु
ु
सखो
से भर आओ... रtनK को दे कर सबको अमीर से भर आओ... सबके दामन
ु
को खशयो
से सजा आओ...
ु
❉
मीठा बाबा कहे - मीठे यारे बचK मेने अपनी खशब
जो सींचा
ु ु से तहे
ु
है तो उस आनDद क! महक से सबको सारोबार कर चलो... जो भी आये राहो म
उसके कदमो म ये पंखड़या
बखेरते चलो... मेरे फल
का अहसास सदा
ु
ू हो फलो
ू
सबको दए चलो...
❉
यारा बाबा कहे - मेरे आtमन बचK सार द7नया
को खशनमा
ु
ु ु बनाना
है ... सबके चेहरK को ख़शी
ु से फर खलाना है ... आप को अपनी महक से
सबको महकाना है ... दःख
के अंधेरो से 7नकाल सबको सख
ु
ु क! रौशनी से भर
❉
Page 3
Murli Chart
सबको महकाना है ... दःख
के अंधेरो से 7नकाल सबको सख
ु
ु क! रौशनी से भर
आना है ...
मेरा बाबा कहे - यारे बचK धरती पर बसे मेरे बचK को दे ख जब
महा<पता का दल ह <पघल सा जाय तो मेरे बचK को फर कैसे चैन आये...
इन दखो
का तो नामो7नशान ह अब मटाना है ... आप फल
ु
ू से बचK को यहां
गलशन
सा सजाना है ... सबको 6ान रtनK क! अंजल दे कर राहत का मरहम
ु
लगाना है ... बझे
ु चेहरK को चमकते नरू से भर आना है ...
❉
────────────────────────
∫∫ 6 ∫∫ मय
धारणा-6ान मंथन(Marks-10)
ु
फल
को 7नकालते जाना है । 9ीमत पर
➢➢ खशबदार
ु ू
ू बनने के लए अवगणK
ु
बहत
ु बहत
ु न: बनना है । काम महाश;ु से कभी हार नह खानी है ।
जब बाप Eवयं रोज कहते हr क जो भी कमी कमजोर अवगण
ु है मझे
ु
दे दो तो हम सब बाप को अप'ण कर दे ना है । अपने अवगणK
को 7नकाल
ु
दय गणK
को धारण करना हr । बागवान बाबा अपने बचK को बहत
ु
ु यार से
सींच रहा है ।
❉
जब Eवयं बाबा हम रोज पढ़ाकर खशबदार
फल
ु ू
ू बना रहे है तो हम
अछ र7त पढ़कर खशबदार
फल
ु ू
ू बनना है व बाप क! याद म रहकर अपने
अवगणK
को 7नकालते जाना है व फEट Oलास फल
ु
ू बनना है ।
❉
हर बाप यह चाहता है क मेरा बचा लायक बने व मेरा नाम रोशन
कर फर हम तो सव'शिOतमान बाप के बचे है व खशबदार
ब{गया के फल
ु ू
ू Iह
गलाब
है व सदा Iहा7नयत क! खशब
ु
ु ू से सपDन आtमा बन हम अपनी खशब
ु ू
फैलानी हr व कांटो के भाव म नह रहना या7न अवगण
ु नह रखने हr ।
❉
❉
अपने बेहद के बाप क! 9ीमत पर चलते हए
ु Dयारा व यारा रहना है
Page 4
Murli Chart
अपने बेहद के बाप क! 9ीमत पर चलते हए
ु Dयारा व यारा रहना है
। कसी के भाव म नह आना । सब के साथ बहत
ु यार से व न: रहना है
। सबके साथ मीठे बाबा जैसा मीठा रहना है । अपनी चलन मीठ रखनी है ।
❉
काम सबसे बड़ा <वकार है व महाश;ु है । अपनी कमिDयK का राजा
बन आड'र माण चलाना है व कमिDय ह बहत
ु चलायमान होती है इसलए
कमिDयजीत बन काम <वकार पर जीत पाकर जगतजीत बनना है ।
❉
गहEथ
यवहार म रहते कमल पप
समान प<व; बनना है व Dयारा
ु
ृ
यारा बनना है । अपने <वकारK का दान करना है । काम महाश;ु है व भगवान
कहते हr क इस अं7तम जDम प<व; जIर बनना है तो प<व;ता के लए यिOत
ु
से व चतरा
से प<व; रहने का पIषाथ'
करना है ।
ु
ु
❉
────────────────────────
∫∫ 7 ∫∫ वरदान - 6ान मंथन (Marks:-10)
➢➢ 7नराकार सो साकार - इस मं; क! Eम7त
ृ से सेवा का पाट' बजाने वाले
Iहानी सेवाधार होते हr ... OयK और कैसे ?
जैसे बाप 7नराकार सो साकार बन सेवा का पाट' बजाते हr ऐसे जो बचे
भी इस मं; का यं; Eम7त
ृ म रख सेवा का पाट' बजाते हr Iहानी सेवाधार होते
हr ।
❉
यह साकार सिट
साकार शरर Eटे ज है । Eटे ज आधार है , पाट' धार
ृ
आधारमत'
ू हr , मालक हr । इस Eम7त
ृ से Dयारे होकर पाट' बजाते सस के साथ
इससफल
ु होते वे Iहानी सेवाधार होते हr
❉
जैसे बाप 7नराकार होते हए
ु साकार शरर का लोन लेकर थोड़े समय के
लए मलन मनाने आते है ऐसे ह हम भी लोन लेकर 7नम बन सेवा के लए
आये हr व ऐसे Eम7त
ृ रख सेवा का पाट' बजाने वाले Iहानी सेवाधार होते हr ।
❉
Page 5
Murli Chart
आये हr व ऐसे Eम7त
ृ रख सेवा का पाट' बजाने वाले Iहानी सेवाधार होते हr ।
मr तो आtमा ह हंू व आtमा न कभी थकती है OयKक आtमा भी
7नराकार है । साकार म रहते दे हभान से परे होकर अथक भव का वरदान
सम7त
ृ म रखते दन रात सेवा व इस शरर का आधार लेकर ह 7नराकार सो
साकार इस मं; क! Eम7त
ृ रखते सेवा करते वो Iहानी सेवाधार होते हr ।
❉
िजन बचK का हर संकyप यह होता हम तो बाप समान बनना ह है
तो वो बचे जब भी समय मलता तो सेकंड म बाप समान 7नराकार िEथ7त म
िEथत हो जाते व मनसा सेवा करते तो कभी साकार म सेवा करते हr ऐसे
बचे Iहानी सेवाधार होते हr ।
❉
────────────────────────
∫∫ 8 ∫∫ Eलोगन - 6ान मंथन (Marks:-10)
➢➢ साHी बन हर खेल को दे खने वाले ह साHी wटा हr ...
कैसे ?
Eवयं को दे ह के बंधनK से Dयार यो7त बंद ु आtमा 7न#चय कर, जब
7नरं तर आिtमक िEथ7त म िEथत रहने के अ?यासी बनगे तो यह सिट
एक
ृ
नाटक अनभव
होगा । और हर पाट' धार का पाट' एक मनोरं जक खेल दखाई
ु
दे गा । इसलए साHीwटा बन हर एक के खेल को दे खते हए
ु मनोरं जन का
अनभव
करगे ।
ु
❉
सेवा म, सबDध, संपक' म आते हए
होगी । Eवयं
ृ
ु भी जब उपराम व7त
को अधीन नहं, 7नम आधार समझगे । और इस बात को सदा सम7त
ृ म
रखगे क हम ना तो कसी के आधार पर चलना है और ना कसी को अपने
आधार पर चलाना है । एक बाप को आधार बनाकर हर खेल को साHी होकर
दे खना है और साHीwटा बन हर बात से उपराम रहना है ।
❉
❉
सव' संबंधK का सख
ु जब केवल एक बाप से लगे तो सहज ह सव' से
Page 6
Murli Chart
सव' संबंधK का सख
ु जब केवल एक बाप से लगे तो सहज ह सव' से
Dयारे होते जाएंगे । िजतना Dयारे बनगे उतना साHी wटा बन हर एक के पाट'
को साHी होकर दे खते जाएंगे और उपराम व7त
से साHी और Dयार िEथ7त म
ृ
िEथत हो सफलता मत'
ू बनते जाएंगे ।
❉
जब wिट व<
ृ हद से 7नकल बेहद क! बनती जाएगी तो सबके 7त
आिtमक wिट सहज ह पOक! होती जाएगी । और सबको आtमा भाई भाई क!
wिट से दे खने का अ?यास भी पOका होता जाएगा । आिtमक Eम7त
ृ म रहने
से हर पNरिEथ7त एक खेल दखाई दे गी और साHी wटा बन साHी होकर हर
खेल को दे खते हए
ु हर बात से Dयारे और यारे बनते जाएंगे ।
❉
जो हआ
अछा हआ
ु
ु , जो हो रहा है वह भी अछा हो रहा है और जो
होगा वह और भी अछा होगा जो इस बात को सदा Eम7त
ृ म रखते हr वे सदा
7नि#चDत रहते हr और हर खेल को साHी हो कर दे खते रहते हr और साHीwटा
बन हर पNरिEथ7त पर सहज ह <वजय ात कर लेते हr ।
❉
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
है क! रा; म सोने से
⊙_⊙ आप सभी बाबा के यारे यारे बचK से अनरोध
ु
पहले बाबा को आज क! मरल
से मले चाट' के हर पॉइं ट के माOस' ज़sर द ।
ु
♔ ॐ शांित ♔
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
Page 7